विशाखापत्तनम/नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश में एक बड़ा रेल हादसा सामने आया है। टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस के दो डिब्बों में आग लगने से एक यात्री की मौत हो गई। यह घटना विशाखापत्तनम से करीब 66 किलोमीटर दूर यलमंचिली के पास हुई। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, आग लगने की सूचना रात करीब 12:45 बजे मिली, जिसके बाद तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि जिस समय आग लगी, उस वक्त प्रभावित बी1 कोच में 82 यात्री और दूसरे कोच में 76 यात्री सवार थे। हादसे के बाद बी1 कोच से एक यात्री का शव बरामद किया गया, जिसकी पहचान चंद्रशेखर सुंदरम के रूप में हुई है। आग लगने से क्षतिग्रस्त दोनों डिब्बों को ट्रेन से अलग कर दिया गया, इसके बाद ट्रेन को एर्नाकुलम की ओर रवाना किया गया।
रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि क्षतिग्रस्त डिब्बों में यात्रा कर रहे यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। वहीं, आग लगने के कारणों की जांच के लिए दो फोरेंसिक टीमें मौके पर तैनात की गई हैं।
ट्रेनों में लगाया जा रहा फायर डिटेक्शन सिस्टम
इस बीच रेलवे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ट्रेनों में फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाने की दिशा में काम कर रहा है। पूर्व रेलवे के मालदा रेल मंडल ने 157 वातानुकूलित कोचों में यह सिस्टम स्थापित कर दिया है। रेलवे की योजना है कि सभी लंबी दूरी की ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से इस प्रणाली से जोड़ा जाए।
भागलपुर–आनंद विहार विक्रमशिला सुपरफास्ट एक्सप्रेस, मालदा टाउन–आनंद विहार वीकली एक्सप्रेस, मालदा टाउन–पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस और भागलपुर–लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस में फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाया जा चुका है। डीआरएम मनीष कुमार गुप्ता के अनुसार, पहले चरण में एसी कोचों में यह सिस्टम लगाया जा रहा है, ताकि आग या धुएं की स्थिति में समय रहते अलर्ट मिल सके।
जमुई में मालगाड़ी हादसे से भी मचा था हड़कंप
गौरतलब है कि इससे पहले बिहार के जमुई जिले में एक मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। पटरी से उतरने के बाद मालगाड़ी के पांच डिब्बे नदी में गिर गए थे, जबकि 10 डिब्बे पलट गए थे। इस हादसे के चलते किऊल–जसीडीह रेलखंड पर रेल परिचालन बाधित हुआ था। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई और बाद में रेल यातायात बहाल कर दिया गया।
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