नई दिल्ली। आज के युग में आधुनिक खेती में कृषि उपकरणों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कृषि यंत्रों के द्वारा कम समय में कम लागत में खेती की जा सकती है। छोटे किसानों को कृषि कार्यों के लिए दूसरों पर आश्रित होना पड़ता है साथ ही महंगे किराए पर कृषि कार्य करवाने के लिए विवश होते हैं।
छोटे और सीमांत किसान उच्च तकनीक और महंगी कृषि मशीनरी उपकरण नहीं खरीद पाते हैं, जिसके कारण किसान खेती में पिछड़ जाते हैं, लेकिन अब इस ऐप की मदद से किसानों को घर बैठे किराए पर सभी उपकरण मिल जाएंगे। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने सीएचसी-फार्म मशीनरी’ ऐप लॉन्च किया है।
इसके माध्यम से देशभर के किसान घर बैठे खेती के कामकाज के लिए ट्रैक्टर और दूसरे कृषि मशीनरी किराए पर मंगा सकते हैं। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
ऐप डाउनलोड करने के बाद किसान को अपनी पूरी जानकारी भरनी होती है, जैसे नाम, प्रदेश, जिला, तहसील, ब्लॉक और गाँव, साथ ही किसान की पास कितनी कृषि योग्य भूमि है। उसका भी ब्योरा भरना होता है. जिसके बाद किसान किराए पर उपकरण ले सकता है। यह ऐप 12 भाषाओं में उपलब्ध है।
कृषि मशीनरी कस्टम सेवा प्रदाताओं, किसानों और उपयोगकर्ताओं को एक साझा मंच पर लाने के लिए ये ऐप विकसित किया गया है। इसके माध्यम से विभिन्न राज्यों के किसान फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम सेवा प्रदताओं द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का उपयोग किए बिना किसी कंप्यूटर सपोर्ट सिस्टम के कर सकते हैं।
इस मोबाइल ऐप पर करीब 40,000 कस्टम हायरिंग सेंटर रजिस्टर्ड हैं, जिनकी मदद से 1,20,000 कृषि मशीनरी और उपकरण किराए पर लिया जा सकता है। यह ऐप किसानों को 50 किमी के दायरे में स्थित कस्टम हायरिंग सेवाओं का लाभ उठाने की अनुमति देगा। इस ऐप की मदद से घर बैठे अपने दरवाजे पर अत्याधुनिक तकनीक की सस्ती दरों पर ले सकेंगे।
कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक और हाईटेक हब की स्थापना विभिन्न योजनाओं के तहत की गई है, जैसे उप मिशन कृषि यांत्रिकी, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और फसल प्रबंधन योजनाएं। इन योजनाओं के जरिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय विशेष रूप से ऐसे छोटे और सीमांत किसानों को किराए पर कृषि उपकरण दे रहा है, जो महंगे कृषि मशीनरी और उपकरण खरीदने में सकने में असमर्थ है।