गर्मी से होने वाली बीमारियों से पीड़ितों के उपचार दिलाने के लिए पुख्ता इंतजाम किये जायें। सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से बेड आरक्षित किये जायें। इमरजेंसी में तीन से चार बेड ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित करें जिससे रोगियों को उपचार के लिए इंतजार न करना पड़े।

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सोमवार को सभी जिलों के सीएमओ और अस्पताल के सीएमएस को निर्देशित किया। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में डायरिया, उल्टी, बुखार, पेट दर्द समेत दूसरी समस्याओं से पीड़ितों को तत्काल उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। लक्षणों के आधार पर रोगियों को अलग वार्ड में भर्ती किया जाये। इसके लिए प्रत्येक अस्पताल की इमरजेंसी में बेड आरक्षित हो साथ ही 10 से 15 बेड का अलग वार्ड बनाया जाये ताकि मरीजों की निगरानी ठीक हो सके।
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उन्होंने कहा, आईसीयू में भी कम से कम दो बेड रिर्जव रखें। ग्लूकोज, उल्टी, पेट दर्द, गैस संबंधित बीमारियों के उपचार की दवाओं का स्टॉक जुटा लें। सभी अस्पतालों में रोगियों को गर्मी से बचाव का इंतजाम करें। पंखे, कूलर, एयर कंडीशन आदि की व्यवस्था दुरुस्त रखें। वॉटर कूलर पर्याप्त मात्रा में लगाये जायें। ताकि रोगियों को ठंडे व स्वच्छ पानी के लिए परेशान न होना पड़े। डिप्टी सीएम ने कहा कि बलिया प्रकरण की जांच कराई जा रही है। विशेषज्ञों की टीम विभिन्न पहलुओं की पड़ताल कर रही हैं। रिपोर्ट के आधार पर आगे के कार्रवाई की जायेगी। फिलहाल हीट वेव से निपटने की पुख्ता तैयारी है। एडवाइजरी जारी कर दी गई है। डॉक्टर-कर्मचारियों को अलर्ट मोड़ में रहने की हिदायत दी गई है।
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