देश के लोगों पर सेल्फी लेने का ऐसा जुनून चढ़ा हुआ है कि जहां भी जगह मिली बस एक सेल्फी हो जाए। बीच ट्रैफिक गाड़ी रूकी नहीं सेल्फी लेना शुरू। कहीं जाना हो, लेट हो रहा हो, लेकिन एक सेल्फी तो बनती है। अजी जनाब! पिकनिक स्पाॅट हो या हिल स्टेशन यहां भी खतरों के खिलाड़ी तो ऐसी-ऐसी जगह पहुंच कर सेल्फी लेते हैं जहां किसी को भी जाने में डर लगे। लेकिन कुछ हटकर होना चाहिए। चाहे जान जोखिम में ही क्या न पड़ जाए। पड़ भी गई तो बचाने के लिए सरकार या दूसरे लोग मौजूद जो हैं। सेल्फी लेने की होड़ में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गुजरात के डांग जिले में एक बड़ा फैसला लेते हुए यहां किसी भी स्थान पर और विशेष रूप से सापुतारा पर्यटन स्थल पर सेल्फी लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में अब यहां किसी पर पर्यटन स्थल पर सेल्फी ली जाती हैं तो पुलिस से भी सामना करना पड़ सकता है।

हाल ही डांग जिले के एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट टी के डामोर द्वारा जारी की गई एक सार्वजनिक अधिसूचना के माध्यम से सेल्फी लेने पर रोक लगाने की जानकारी दी गई। एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने बताया कि मानसून की शुरुआत के साथ ही डांग में बड़ी संख्या में लोग आने लगते हैं और कई लोग सेल्फी के चक्कर में जोखिम उठा लेते हैं फिर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इसलिए ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिसूचना जारी की गई है।
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दुर्घटना को निमंत्रण देते हैं लोग
सेल्फी लेना गलत नहीं है लेकिन यह पर्यटकों की रुचि के स्थानों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि सड़कों, चट्टानों, झरनों, नदियों, हाईवे जैसी जगहों पर भी होता है जो दुर्घटना को निमंत्रण देना है। कोरोना प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से डांग में भारी संख्या में पर्यटक देखे जा रहे हैं। ऐसे में पर्यटकों को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए यह फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2011 और 2017 के बीच दुनिया में सेल्फी से होने वाली मौतों में से आधी तो भारत में ही दर्ज हैं।
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