कांग्रेस ने असम का बंटवारा तो किया, सीमाओं का नहीं किया समाधान: मुख्यमंत्री डॉ. सरमा

मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने मेघालय के साथ असम के सीमा विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों की प्रदेश कांग्रेस द्वारा किये जा रहे विरोध के साथ ही अन्य मुद्दों पर राज्य सरकार के निर्णयों को साझा किया। रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की अतीत में की गयी गलतियों पर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्व की कांग्रेस नेतृत्वाधीन सरकारों ने जो गलतियां की हैं, उसको सुधारने की हमारी सरकार कोशिश कर रही है। वर्तमान में कांग्रेस जिस तरह मेघालय को जमीन देने को लेकर शोर मचा रही है, उसके विपरीत हमारा मानना है कि कांग्रेस ने तो असम की राजधानी तक मेघालय को दे दिया।

उन्होंने कहा कि असम को बांटकर मेघालय, मिजोरम जैसे कई राज्य बना दिए। लेकिन, असम का विभाजन करते हुए सीमाओं का निर्धारण नहीं किया, जिसके चलते आज आपस में लड़ाइयां हो रही हैं और पूर्वोत्तर की सात बहनों की भावना को लगातार ठेस पहुंच रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम का नुकसान किए बिना सीमा समस्या का समाधान करने की कोशिश की जा रही है।

डॉ. सरमा ने कहा कि सीमा समस्या के समाधान से संबंधित प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्री को प्रेषित किया गया है। अब केंद्र सरकार को इस पर निर्णय लेना है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जानबूझकर पूर्वोत्तर के राज्यों को आपस में लड़ाने के लिए सीमाओं का सही तरीके से निर्धारण नहीं किया। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक कारगर रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इस दिशा में जल्द ही एक ठोस परिणाम सामने आएगा। मिजोरम के साथ हालांकि अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती मामलों के मंत्री अतुल बोरा को इसका दायित्व दिया गया है। अतुल बोरा मिजोरम के गृह मंत्री के साथ कोऑर्डिनेट कर रहे हैं। इस दिशा में शीघ्र ही कोई सर्वमान्य समाधान निकल आएगा।

डॉ.सरमा ने कहा कि नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के साथ आज सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई है। इस बातचीत के दौरान नगालैंड के उपमुख्यमंत्री वाई पत्तोन तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि दोनों ही राज्यों के साझा हितों वाले मुद्दों को लेकर आगे बढ़ने को लेकर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि नगालैंड के साथ सीमा विवाद का मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन है। आशा की जा रही है कि शीघ्र ही न्यायालय द्वारा कोई बीच का रास्ता निकाल दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ यह समझौता हुआ है कि असम विधानसभा में बीपीएफ के विधायक सत्तारूढ़ भाजपा के साथ बैठेंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि बीपीएफ के साथ भाजपा का अभी तक राजनीतिक समझौता नहीं हुआ है। लेकिन, आने वाले समय में राजनीति बदल भी सकती है।

उल्लेखनीय है कि अगले माह होने जा रहे राज्यसभा सीटों के चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति विपक्षी एकता को तोड़ दिया है। बीपीएफ के विधायकों के सत्ता पक्ष के साथ आ जाने के कारण विपक्षी एकता के बावजूद विपक्षी दलों को राज्यसभा चुनाव में एक भी सीट मिलना मुश्किल होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगांव में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी की घटना की जांच का जिम्मा राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन बरठाकुर को सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए जो भी व्यक्ति दोषी होगा, उसे उचित दंड दिलाने की व्यवस्था की जाएगी।

डॉ. सरमा ने कहा कि पुलिस को अपराधियों के प्रति कठोर रहना है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आम जनता के साथ पुलिस द्वारा की जाने वाली किसी भी प्रकार की बर्बरता को सरकार बर्दाश्त करेगी।

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उन्होंने कहा कि पुलिस ड्रग्स माफियाओं और गाय के तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान चलाती रहेगी। धुबड़ी में आज भी पुलिस द्वारा गोलीबारी की गई है, लेकिन लोगों को नगांव की गोलीबारी और धुबड़ी की गोलीबारी में फर्क समझना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियां नगांव गोलीबारी की आड़ में ड्रग्स माफियाओं को बचाने की कोशिश कर रही हैं।