नयी दिल्ली। राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को विपक्षी हंगामे के चलते दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), पहलगाम आतंकी हमला और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध दर्ज कराया।
राज्यसभा में शून्यकाल नहीं हो पाया जबकि लोकसभा में सांसद तख्तियां लेकर नारेबाजी करते नजर आए। उपसभापति हरिवंश और स्पीकर ओम बिरला ने सदस्यों से शांत रहने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। मानसून सत्र लगातार बाधित हो रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करने वाले सांसदों पर निर्णायक कार्रवाई की चेतावनी देते हुए बुधवार को नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे सड़कों का आचरण संसद के भीतर कर रहे हैं, जबकि वो ‘माननीय’ हैं और उनका व्यवहार ‘माननीय’ जैसा ही होना चाहिए। संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन निचले सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दलों के सदस्य पहले दो दिन की तरह ही हंगामा करने लगे।
विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे। उन्होंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद, पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर को रोकने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों समेत कुछ विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया।
लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा,‘संसद लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था है। आपसे मेरा आग्रह रहता है कि संसद और संसद परिसर के अंदर आपका व्यवहार, आचरण और कार्यपद्धति मर्यादित होनी चाहिए। देश की जनता ने आप लोगों को अपनी आवाज, कठिनाई, चुनौतियों, देश से जुड़ें मुद्दों और नीतियों पर चर्चा के लिए भेजा है।
उन्होंने कहा, आप सड़कों का आचरण-व्यवहार संसद में कर रहे हैं। देश यह देख रहा है। आप जिन राजनीतिक दलों से हैं, उनके नेताओं से भी कहना चाहता हूं कि देश उनके सदस्यों के आचरण और कार्यपद्धति को देख रहा है। बिरला का कहना था कि वह हर मुद्दे और विषय पर नियम एवं प्रक्रिया के तहत चर्चा कराने के लिए तैयार हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, आप माननीय हो और माननीय जैसा व्यवहार करो। बिरला ने यह चेतावनी भी दी, ‘‘मुझे सदन में तख्तियां लेकर आने वाले सांसदों पर निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर बुधवार को भी लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
मानसून सत्र के तीसरे दिन निचले सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे। विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे। उन्होंने बिहार में एसआईआर की कवायद, पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर को रोकने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों समेत कुछ विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया।
सदन में शोर-शराबे के बीच ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रश्नकाल के दौरान कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘संसद और संसद परिसर के अंदर आपका व्यवहार, आचरण और कार्यपद्धति मर्यादित होने चाहिए। देश की जनता ने आप लोगों को अपनी आवाज, जनता की कठिनाई, चुनौतियों, देश से जुड़ें मुद्दों और नीतियों पर चर्चा के लिए भेजा है।” बिरला ने यह चेतावनी भी दी कि सदन में तख्तियां लेकर आने वाले सांसदों पर उन्हें निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कई घटक दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर बुधवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल कई सांसदों ने काली कमीज पहन रखी थी, तो कई ने बांह पर काली पट्टी बांध रखी थी। संसद के ‘मकर द्वार’ के निकट आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कई अन्य सांसद शामिल हुए।
उन्होंने ‘मोदी सरकार हाय-हाय’ और ‘मोदी सरकार डाउन-डाउन’ के नारे लगाए। विपक्षी सांसदों ने यह भी कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर के विषय पर सदन में कब चर्चा होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जवाब देना चाहिए। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘बिहार में जो प्रक्रिया (एसआईआर) शुरू हुई और यह पूरे देश में फैलेगी। इसका मकसद यह है कि जो भाजपा को वोट नहीं करते, उनका मताधिकार छीना जाएगा। इस वोटबंदी का हम पुरजोर विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि एसआईआर और पहलगाम के मामले पर ससंद में कब चर्चा होगी, उस बारे में सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।