भले ही देश कोरोना के कहर से त्राहिमाम कर रहा हो लेकिन मोदी सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुआ किसान आन्दोलन टस से मस नहीं हुआ है। इसी क्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने एक बार फिर किसानों को बड़ा सन्देश देते हुए आन्दोलन ख़त्म करने की अपील की है।
खट्टर ने किसानों से की अपील
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि आंदोलन करना हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है और आंदोलन करने वालों से हमारा कोई विरोध नहीं है। लेकिन हर काम का अपना समय होता है। इस समय कोरोना के चलते जीवन का संकट हो सकता है, इसलिए आंदोलन करने के लिए यह समय सही नहीं है।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कोरोना को लेकर आयोजित हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में किसानों से अपील करते हुए कहा कि मानवीयता के नाते इस समय वे अपना आंदोलन वापस लें। अगर अपनी किसी मांग के लिए उन्हें धरने या प्रदर्शन करने हैं तो ये हालात ठीक होने पर भी किए जा सकते हैं।
खट्टर ने उपायुक्तों को भी निर्देश दिए कि वह आंदोलनरत किसानों से संपर्क करके उन्हें मनाने की कोशिश करें। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि वे जरूरत पड़ने पर ही अपने घरों से निकलें और जब भी घर से बाहर निकलें, मास्क, सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और बैड की समुचित व्यवस्था है। इसलिए लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल विभिन्न राज्यों के राज्यपालों के साथ हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडक्रॉस को सक्रिय किए जाने की बात कही है। इसी तरह, हमें कोराना से निपटने के कार्य में वालंटियर, एक्स सर्विस मैन और सक्षम युवाओं को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग को 30 तक ले जाने की बात कही है। हाल ही में जिस तरह से कोरोना की गति बढ़ी है उसे देखते हुए कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करना बेहद जरूरी है।
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खट्टर ने कहा कि जिला प्रशासन हालात से निपटने के लिए अपने स्तर पर योजना बनाए और सख्ती के साथ-साथ अपील भी करे क्योंकि अक्सर सख्ती की बजाय अपील का असर ज्यादा होता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगे से सभी बैठकें ऑनलाइन या वैबिनार के जरिए की जाएं ताकि लोगों का आना-जाना कम हो सके।