उत्तराखंड के बाद हिमाचल प्रदेश में बादल फटा, किन्नर कैलाश यात्रा रुकी, चंडीगढ़-मनाली हाईवे बंद

उत्तराखंड के बाद हिमाचल प्रदेश में बादल फटा, किन्नर कैलाश यात्रा रुकी, चंडीगढ़-मनाली हाईवे बंद

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। उत्तरकाशी में बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और खराब मौसम के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन ठीक से शुरू भी नहीं हो पाया था कि इसी बीच हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले से भी बादल फटने की खबर सामने आई है। यह घटना किन्नर कैलाश यात्रा मार्ग पर हुई, जहां सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु फंसे हुए हैं।

मंगलवार को किन्नौर के तांगलिंग क्षेत्र में बादल फटने से किन्नर कैलाश यात्रा का ट्रैक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। कई स्थानों पर ट्रैक का हिस्सा बह गया और दो पुल भी बह गए, जिससे यात्रियों का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। कठिन हालातों के बीच इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) की 17वीं वाहिनी की टीम ने रस्सी आधारित ट्रैवर्स क्रॉसिंग तकनीक का प्रयोग करते हुए अब तक 413 श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया है।

इस राहत व बचाव अभियान में ITBP के 1 गजेटेड अधिकारी, 4 सब-ऑर्डिनेट अधिकारी और 29 अन्य रैंक के जवानों के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम भी जुटी हुई है। रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार आधी रात से ही जारी है, और सभी एजेंसियां लगातार फंसे हुए लोगों को निकालने में लगी हुई हैं।

इधर, लगातार हो रही बारिश से किन्नौर और स्पीति को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग पूरी तरह से कट गया है। भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर भी मंगलवार रात को भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें सड़कों पर बड़ी-बड़ी चट्टानें गिर गईं। प्रदेश में 500 से अधिक सड़कों पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।

वर्तमान स्थिति को देखते हुए शिमला, मंडी, सोलन और कुल्लू जिलों में सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से यात्रा न करें और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें।

प्राकृतिक आपदा के इस संकट में राहत एजेंसियां सतर्कता और तत्परता से कार्य कर रही हैं, लेकिन खराब मौसम अब भी चुनौती बना हुआ है।