लखनऊ। योगी सरकार ने राज्य में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने के अपने दृढ़ संकल्प को आगे बढ़ाते हुए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्तृ कार्रवाई की है। पिछली सरकारों के दौरान प्रदेश में हुए घोटालों में योगी सरकार ने पैनी नजर रखते हुए विभिन्न स्तरों पर कड़ी कार्रवाई की है। अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए वादे के अनुरूप भ्रष्टाचार मुक्तर उत्त र प्रदेश की प्रतिबद्धता के चलते योगी सरकार महज साढ़े चार सालों में भ्रष्टाचारियों पर कहर बनकर टूटी है।
सीएम योगी आदित्य।नाथ ने भ्रष्टाचार में आरोपी पाए गए एसडीएम को डिमोट करते हुए तहसीलदार बनाया। इसके साथ ही बड़ी संख्या में भ्रष्टाचार के मामलों के अपराधियों को जेल भेजा। डीएचएफएल से लेकर रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद बाल पुष्टाहार का नियम बदला गया। प्रदेश में स्मारकों के घोटाले में पाए जाने वाले लोगों की गिरफ्तारी की गई। राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए पॉश मशीनों का उपयोग किया गया।
1500 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई
प्रदेश में घोटालों के आरोपियों के खिलाफ योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। बता दें कि योगी सरकार में 1500 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर जेल भेजा है। इसके अलावा पंचायती राज विभाग के 12 अधिकारियों को निलंबित किया गया। भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत के लिए आईजीआरएस सीएम पोर्टल भी बनाया गया।
हेल्प लाइन से मिला सहारा
प्रदेशवासियों की समस्याेओं का त्व रित निवारण करने के लिए शुरू की गई 1076 हेल्प लाइन से लोगों को सीधे तौर पर मदद मिल रही है। प्रदेशवासी अब बेझिझक मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर सम्पर्क कर रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के आधार पर फील्ड में तैनात अधिकारियों के प्रदर्शन का आंकलन किया जा रहा है। सीएम ने कई बार साफ कहा है कि अगर जनता इनके कार्यों से संतुष्ट नहीं है तो इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
बीजेपी के ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र 2017’ में जनता से वादा
- भारतीय जनता पार्टी ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में उत्तर प्रदेश से भ्रष्टाचार के कलंक को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया था।