काशी में भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री तीन दिन तक करेंगे प्रवास

श्री काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण समारोह में पूरे देश से भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 दिसम्बर को जिस समय धाम का लोकार्पण करेंगे, उस समय सभी मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों की भी मौजूदगी रहेगी। समारोह में भाग लेने वाले मुख्यमंत्री तीन दिन काशी में रहेंगे। शुक्रवार को इसको लेकर इस कार्यक्रम के प्रभारी राष्ट्रीय महांमत्री तरूण चुघ ने बैठक कर तैयारियों को परखा।

राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बी.एल.संतोष भी रहेंगे

काशी क्षेत्र अध्यक्ष महेशचंद श्रीवास्तव ने बताया कि 14 दिसम्बर को मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी.एल.संतोष भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के प्रभारी तरूण चुघ व सह प्रभारी आशीष सूद बनाये गये हैं। उन्होंने बताया कि सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का शहर में तीन दिन का धार्मिक व सांस्कृतिक प्रवास होगा। सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री 13 दिसम्बर को काशी पहुंचेंगे। 14 को काशी भ्रमण करेंगे और 15 दिसम्बर को अयोध्या में श्रीराम का दर्शन और श्रीराम मंदिर का निर्माण देखने के बाद अपने-अपने राज्य को प्रस्थान करेंगे।

-17 दिसम्बर को देश भर के महापौर शहर में जुटेंगे

काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेशचंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 17 दिसम्बर को केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा एवं उत्तर प्रदेश सरकार की शहरी विकास मंत्रालय महापौरों का सम्मेलन काशी में आयोजित है। 23 दिसम्बर को जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए होने वाले किसान सम्मेलन को प्रधानमंत्री सम्बोधित करेंगे। जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए महासम्मेलन हो रहा है। इस कार्यक्रम में देश के कृषि वैज्ञानिक, उन्नत किसान सहित कृषि विशेषज्ञ भाग लेंगे।

उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा द्वारा सभी मंडलों पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सभी मंडलों पर स्क्रीन लगाई जाएगी। जिसमें मंडल के किसान तथा कृषि वैज्ञानिक शामिल होगें। इस कार्यक्रम में केन्द्र सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं तथा उपलब्धियों का पत्रक भी वितरित किया जाएगा। मंडल स्तर पर किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों से प्राकृतिक खेती के संबंध में प्राप्त सुझावों को किसान मोर्चा लिपिबद्ध करेगी और इन सुझावों पर मंथन कर इसे आगे भेजा जाएगा।