प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को पौड़ी मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने विकास भवन सभागार में आपदा के दौरान हुए नुकसान की समीक्षा बैठक ली। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी बैठक में सबकुछ अच्छा-अच्छा तो बोलते हैं, लेकिन उनकी यही अच्छी बातें धरातल पर भी उतरनी आवश्यक हैं। मुख्यमंत्री ने लोनिवि, पीएमजीएसवाई व एनएच के अधिकारियों से कहा कि बंद सड़कों पर 24 घंटे के भीतर यातायात शुरू किया जाए। 15 दिनों के भीतर सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाए, जिस पर सभी अधिकारियों ने हामी भरी।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत व पौड़ी विधायक मुकेश कोली ने कहा कि अधिकारी हां कह रहे हैं, लेकिन यह संभव ही नहीं है। जिस पर अधिकारियों को स्वास्थ्य मंत्री ने नसीहत दी कि बैठक में अधिकारी झूठ न बोलें, जो भी धरातल पर यथा स्थिति है उसे ही बैठकों में कहें। इस दौरान डुंगरीपंथ-छातीखाल-खेड़ाखाल मोटर मार्ग के खस्ताहाल पड़े होने पर लोनिवि अधिकारियों ने कहा कि मोटर मार्ग का कार्य 2014 में हुआ, लेकिन इस वर्ष क्रेशर लगाने के बाद भारी वाहनों के चलने से मार्ग लगातार क्षतिग्रस्त हो रहा है। मिट्टी का सर्वेक्षण किए जाने पर पाया गया कि उक्त क्षेत्र की मिट्टी भारी वाहनों के भार को वहन नहीं कर पाएगी।
इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग को क्या सड़क डामरीकरण या निर्माण के दौरान क्षेत्र में क्रेशर लगाए जाने की जानकारी नहीं थी। जिस पर अधिकारियों ने जानकारी से इंकार किया। मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण की जांच किए जाने के निर्देश पौड़ी डीएम को दिए। मुख्यमंत्री धामी ने लोनिवि एनएच के अधिशासी अभियंता के बैठक में अनुपस्थित होने पर कहा कि अधिकारी बैठक को औपचारिक न समझे, इसके गंभीरता से लेते हुए प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन किया जाए। मुख्यमंत्री ने पेयजल से जुड़े विभागों के अधिकारियों को जल जीवन मिशन सहित हर योजना पर गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए।
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डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने मुख्यमंत्री के सामने आपदा से हुए नुकसान व जिला, राज्य योजना के विकास कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद पौड़ी को आपदा से 38 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस दौरान लैंसडाउन में 3 मजदूरों की मौत व 2 लोग घायल हुए हैं।