लखनऊ। प्रदेश में दिव्यांगों की चिंता करने वाली राज्य सरकार ने उनके भरण-पोषण के साथ उनकी पेंशन समेत उनको कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण जैसी विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया है। कुष्ठ रोग के दिव्यांगजनों के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह अनुदान शुरू किया। इतना ही नहीं उनको सशक्त बनाने में रोज नए मुकाम हासिल किये है। साढ़े 04 साल के कार्यकाल में सरकार ने प्रदेश में नए कुष्ठजनित दिव्यांगजनों की पहचान की है और उनको पेंशन का लाभ भी दिलाया है।
सत्ता में आने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले विकलांग शब्द के प्रयोग को वर्जित कर दिव्यांग शब्द के प्रयोग को प्रभावी किया। इसके साथ ही विभाग का नाम विकलांग जन विकास से बदलकर दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग किया गया। यह पहला मौका है जब प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए किसी सरकार ने इतने बड़े प्रयास किये हें। उनको सम्मान दिलाने के साथ उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने का काम किया है।
दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध यूपी सरकार ने दिव्यांगजन भरण-पोषण अनुदान योजना के तहत प्रति माह प्रति व्यक्ति अनुदान को 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये किया। 2016-17 की समाप्ति में जहां 11,18,809 पेंशनर्स इस योजना का लाभ प्राप्त कर रहे थे। वर्तमान में राज्य सरकार ने इस योजना में 242817 नए दिव्यांगजन को जोड़कर उनको भी दिया है। इतना ही नहीं वित्तीय वर्ष 2016-17 की समाप्ति में प्रदेश में जहां 11884 कुष्ठ रोगियों को पेंशन दी जा रही थी। वहीं वर्तमान में सरकार ने 7119 कुष्ठजनित दिव्यांगजनों को चिन्हित किया और उनको कुष्ठावस्था पेंशन योजना से प्रतिमाह 2500 रुपये देना शुरू किया गया। राज्य सरकार लगातार प्रदेश में दिव्यांगजनों की चिंता करने के साथ उनको समाज में सम्मान दिलाने के लिए काम कर रही है।