ममता बनर्जी ने बीजेपी को पश्चिम बंगाल में एक और बड़ा झटका दिया है। राज्य में उपचुनाव की घोषणा होने बाद बीजेपी विधायक सुमन रॉय पार्टी छोड़ दी है और टीएमसी का दामन थाम लिया है। टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी ने बताया कि कालियागंज से बीजेपी विधायक सुमन रॉय बंगाल के विकास के लिए हमारे साथ आए हैं। बंगाल की संस्कृति और विरासत को वो अक्षुण्ण रखना चाहते हैं। चुनाव आयोग ने शनिवार को ही राज्य में खाली पड़ी तीन विधानसभा सीटों भवानीपुर, शमशेरगंज और जंगीपुर पर और ओडिशा की एक सीट पीपली सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव कराने का ऐलान किया है। इसके साथ ही इन सीटों पर आज से चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।

राज्य में उपचुनाव के ऐलान के साथ ही सीएम ममता बनर्जी ने राहत की सांस ली है क्योंकि अब तक वो विधायक नहीं थी। वहीं अब उपचुनाव में जीतकर विधानसभा जा पाएंगी। ममता की पार्टी टीएमसी ने भले ही मई में सत्ता में वापसी की थी लेकिन वो अपनी सीट हार गई थीं। उन्हें नंदीग्राम से बीजेपी उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से हार का सामना करना पड़ा था। शुभेंदु खुद कभी ममता के करीबी माने जाते थे लेकिन चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिसके बाद ममता ने भी शुभेंदु के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था लेकिन वो चुनाव नहीं जीत पाईं। विधायक न होने बाद भी ममता मुख्यमंत्री बनीं।
सीएम बनने के बाद ममता ने नंदीग्राम सीट पर मिली हार को न्यायालय में चुनौती भी दी थी। बिना विधायक बने ममता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ तो ले ली थी लेकिन उन्हें अपनी कुर्सी को बरकरार रखने के लिए उन्हें 6 माह में चुनाव जीत कर विधानसभा जरुरी था। वरना संवैधानिक तौर पर सीएम न रहती। ममता के लिए टीएमसी विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर सीट खाली भी कर दी थी क्योंकि ममता का इस सीट से जीत मिलाना तय है। वो 2 बार इस सीट से विधायक भी बन चुकी हैं। अब उपचुनाव में इस सीट पर जीत दर्ज कर वो विधानसभा में पहुंच सकती हैं।
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