जदयू नेता नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं। हालांकि, उनके इस शपथ ग्रहण समारोह ने भी एक राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, दरअसल, अभी हाल ही में बीते बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले महागठबंधन की अगुआ राजद ने इस शापत्थ ग्रहण समारोह का बायकॉट कर दिया है। केवल राजद ही नहीं, इस चुनाव में राजद की सहयोगी कांग्रेस और वामदलों ने भी इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल न होने का फैसला लिया है।
दरअसल, आरजेडी ने ट्वीट कर कहा कि वो इस शपथ ग्रहण समारोह का बायकॉट करती है, क्योंकि एनडीए ने जनादेश को शासनादेश से बदल दिया है।
आरजेडी ने अपने इस ट्वीट में लिखा कि राजद शपथ ग्रहण का बायकॉट करती है। बदलाव का जनादेश एनडीए के विरुद्ध है। जनादेश को ‘शासनादेश’ से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों, किसानों, संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछे कि उनपर क्या गुजर रही है। एनडीए के फर्जीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि है और जनता के साथ खड़े हैं।
वहीं, राजद के स्टैंड पर ही कांग्रेस भी कायम है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भी कहा है कि शपथ ग्रहण समारोह में नहीं होंगे शामिल साथ हीं यह भी कहा है कि वह इस मुद्दे पर महागठबंधन के बड़े घटक यानी राजद के फैसले पर साथ है।
दरअसल, एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को 74 सीटें मिली हैं। नीतीश कुमार के जेडीयू को 43 सीटें मिली हैं। वहीं, महागठबंधन में आरजेडी को 75 सीटें मिली हैं और वह इस बार सदन में सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं, महागठबंधन के दलों में कांग्रेस को 19 और वाम दलों को 16 सीटों पर जीत मिली थी।