पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि वह ऑपइंडिया वेबसाइट के संपादक नूपुर शर्मा और राहुल रोशन के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेगी। पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी। पश्चिम बंगाल सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि ये एक नई शुरुआत है और उम्मीद है कि दूसरी राज्य सरकारें भी इसका अनुकरण करेंगी।
कोर्ट ने कहा कि पत्रकारों को सबसे ज्यादा भुगतना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि 3 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट नूपुर शर्मा के खिलाफ पश्चिम बंगाल में दर्ज चौथी एफआईआर में कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। इसके पहले जून 2020 में कोर्ट ने नूपुर शर्मा और लेखक अजीत भारती के खिलाफ पश्चिम बंगाल में दर्ज तीन एफआईआर पर रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि ऑपइंडिया वेबसाइट पर चलाई गई कुछ खबरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं।
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उस खबर को लेकर दूसरे मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों ने भी चलाया था लेकिन ऑपइंडिया के पत्रकारों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस की कार्रवाई स्वतंत्र अभिव्यक्ति का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया था कि पुलिस ने एफआईआर की प्रति भी उपलब्ध नहीं कराई और न ही उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया। पुलिस की कार्रवाई संविधान की धारा 19(1)(ए) और धारा 21 का उल्लंघन है।