पश्चिम बंगाल में जारी विधानसभा चुनाव के बीच में हुई कोरोना वायरस की एंट्री ने सूबे के सियासी खेल में खलल डालना शुरू कर दिया है। इसी कोरोना के खिलाफ कदम उठाने के लिए चुनाव आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्पष्ट कर दिया कि वर्चुअल प्रचार संभव नहीं है। भाजपा की ओर से स्वपन दासगुप्ता प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में शामिल हुए।
चुनाव आयोग की बैठक में भाजपा ने दिया सुझाव
चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाजपा नेता ने साफ कहा कि बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार के लिए वर्चुअल जरिया कारगर साबित नहीं होगा। इसलिए बेहतर होगा कि जिस तरह से प्रचार-प्रसार चल रहा है, चलने दिया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि महामारी से बचाव के लिए जरूरी है कि सभी पार्टियों की जनसभा रोड शो आदि में आ रहे लोग कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें, मास्क पहनें, शारीरिक दूरी का ख्याल रखें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और कम से कम भीड़ हो।
भाजपा नेता ने चुनाव आयोग को आश्वस्त किया कि उनकी पार्टी इन तमाम प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के लिए तैयार है। उन्होंने सुझाव दिया है कि मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की लाइन लगाने की जगह बड़ी की जानी चाहिए और जमीन पर कम से कम दो गज की दूरी के खाके बनाए जाने चाहिए जहां खड़े होकर लोग मतदान के लिए अपनी बारी का इंतजार कर सकें।
वहीं, संयुक्त मोर्चा की ओर से माकपा नेता रॉबिन देव ने कहा कि उनकी पार्टी ने पहले ही चुनाव प्रचार बंद कर दिया है। लोगों की जिंदगी से बढ़कर कुछ नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि बाकी राजनीतिक पार्टियों को भी मोर्चा का अनुकरण करना चाहिए। हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस 17 तारीख को होने वाले पांचवें चरण के मतदान के बाद छठे, सातवें और आठवें चरण का चुनाव एक साथ कराने की पक्षधर है।
चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए तृणमूल के महासचिव और राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि 17 तारीख के बाद बाकी जो तीन चरणों के चुनाव हैं उन्हें एक साथ कराया जाना चाहिए। हालांकि चुनाव आयोग एक दिन पहले ही साफ कर चुका है कि चुनाव के चरणों में कटौती नहीं की जाएगी।
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आयोग के सूत्रों ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों के सुझाव और वक्तव्य को नोट कर केंद्रीय चुनाव आयोग के पास भेजा जाएगा जहां से उचित दिशा निर्देश मिलने के बाद उसका क्रियान्वयन किया जाएगा।