दीपोत्सव की तैयारियों को अवध विश्वविद्यालय ने शनिवार को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया। दीपोत्सव स्थल राम की पैड़ी पर अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.रविशंकर सिंह के निर्देश पर दीपोत्सव नोडल अधिकारी शैलेंद्र कुमार वर्मा ने 32 घाटों के पर्यवेक्षकों एवं घाटों के प्रभारियों के साथ बैठक की।
उन्होंने सभी पदाधिकारियों को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देश पर दीपोत्सव को भव्य रूप देना है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सभी को दायित्वों से अवगत करा दिया गया है। 32 घाटों पर लगभग 9 लाख दिए बिछाए जाएंगे। वहीं 7 लाख 51 हजार दिए जलाए जाएंगे। 12 हजार स्वयंसेवकों के साथ सुरक्षा एवं सतर्कता के साथ दीपोत्सव को भव्यतम बनाना है।
उन्होंने कहा कि सभी घाट प्रभारी, समन्वयक एवं पर्यवेक्षक की पूरी जिम्मेदारी होगी कि बिना परिचय-पत्र के किसी भी बाहरी व्यक्ति को घाट पर प्रवेश न करने दें। दीपोत्सव के लिए विश्वविद्यालय जिला प्रशासन के सहयोग से निःशुल्क टी-शर्ट एवं कैप की व्यवस्था की गई है। इसका वितरण सभी घाट के प्रभारियों, समन्वयकों की उपस्थिति में 1 नवंबर को प्रातः 11 बजे राम की पैड़ी पर परिचय-पत्र एवं लिस्ट से मिलान करते हुए स्वयंसेवकों को दी जायेगी। स्वयंसेवकों के जलपान एवं भोजन की व्यवस्था निःशुल्क 3 दिन की गई है।
प्रो. शैलेन्द्र ने बताया कि स्वयंसेवकों को दीपोत्सव स्थल पर पहुंचाने के लिए वाहन का इंतजाम किया गया है। जिनके पास परिचय-पत्र होगा वही छात्र वाहन का प्रयोग कर पाएंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह के निर्देश पर स्वयंसेवकों को कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए मास्क के साथ उपस्थित रहना होगा।
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प्रो. वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से राम की पैड़ी पर मेडिकल टीम तैनात रहेगी। स्वयंसेवकों द्वारा 01 नवंबर से दीए बिछाने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा जो 2 नवंबर तक चलता रहेगा। 03 नवंबर को दीए में तेल डालकर दीप प्रज्वलित करते हुए पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए पुनः गिनीज बुक में नाम दर्ज करेंगे। मौके पर प्रो0 वर्मा ने राम की पैड़ी के 32 घाटों पर पर्यवेक्षकों, समन्वयकों एवं घाट प्रभारियों के साथ घाटों का निरीक्षण किया।