केंद्र सरकार की ओर से लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के फैसले के बाद सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। शादी के लिए लड़कियों की उम्र को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसदों के बयान पर अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी का ऐसे किसी भी बयान से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी एक प्रगतिशील पार्टी है और लड़कियों और महिलाओं की प्रगति के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं
एसटी हसन का आपत्तिजनक बयान
बता दें कि समाजवादी पार्टी के सांसद शफीक उर रहमान के सुर में सुर मिलाते हुए पार्टी के एक और सांसद एसटी हसन ने भी आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि लड़कियों की शादी की उम्र 21 नहीं 16-17 कर दी जानी चाहिए। एसटी हसन ने कहा कि अगर शादी में देर होगी तो वह पोर्नोग्राफी वाले वीडियो देखेंगे। और यह आवारगी ही है।
शफीक उर रहमान के बेतुके बोल
इससे पहले सरकार के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद शफीक उर रहमान ने बेहद ही आपत्तिजनक बयान दिया। उन्होंने कहा कि शादी की उम्र बढ़ाने से लड़कियां ज्यादा आवारगी करेंगी। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया। शफीक उर रहमान वर्क के इस बयान पर कई नेताओं ने आपत्ति जताई है। वही बीजेपी का कहना है कि यह गुलामी करवाने वाले लोगों की मानसिकता है जो हमेशा लड़कियों को गुलाम बनाए रखना चाहते हैं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार संविधान के साथ से सबको बराबरी का अधिकार देने में लगी है।
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने का फैसला किया है। फिलहाल लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है, जिसे बढ़ाकर 21 साल कर दिया जाएगा। अगर ये कानून बन जाता है तो फिर भारत उन देशों में शुमार हो जाएगा, जहां महिलाओं की शादी की उम्र 21 साल है।