मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर पंजाब की पूर्व सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल द्वारा किया जा रहा विरोध प्रदर्शन समाप्त हो चुका है। इस दौरान अकाली दल के कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। जिन्हें बाद में पुलिस थाने से छोड़ दिया गया।
कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन ख़त्म
मिली जानकारी के अनुसार, कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार सुबह से ही अकाली दल के नेताओं सहित सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के रकाबगंज मार्ग पर ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च किया, वहीं नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया और कानून पर अपनी राय रखी।
शिअद प्रमुख सुखबीर बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल समेत अन्य दर्जन भर नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया और पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन लेकर पहुंची।
हालांकि कुछ देर बाद सभी नेताओं को रिहा कर दिया गया, इस दौरान शिअद प्रमुख सुखबीर बादल ने आईएएनएस से कहा कि, हमें दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया, कुछ देर बाद मैजिस्ट्रेट ने हमें रिहा कर दिया है, हमने अपना मेमोरंडम दे दिया है। ताकि हमारा सन्देश सरकार तक पहुंच जाए।
अकाली दल के एक अन्य दिल्ली नेता ने आईएएनएस से कहा कि, इतिहास में पहली बार हुआ कि हजारों लोग पार्लियामेंट के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। हमने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और सभी की भावनाओं का सम्मान करता हूं।
सरकार से बस इतनी मांग है कि इन कानूनों को वापस लिया जाए, क्योंकि किसान खुश नहीं हैं। यदि खुश होते तो एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर नहीं बैठे होते।
वहीं इस प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रास्ते बंद किए। साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने सभी कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया साथ ही सरकार पर निशाना भी साधा।
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उन्होंने कहा कि, किसानों की यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कृषि कानून वापस नहीं हो जाते। सरकार कहती थी सबका साथ सबका विश्वास, न उन्होंने किसानों का साथ दिया है जबकि किसानों के साथ विश्वास घात किया है।