कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लखनऊ में रमजान को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। ये एडवाइजरी इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने जारी की है। इस्लामिक सेंटर ने कहा कि रमजान में भी कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन होना चाहिए। सेंटर के मौलाना ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि कई शहरों में नाइट कर्फ्यू लगने की वजह से रमजान में तरावीह की नमाज डेढ़ पारे से ज्यादा न पढ़ी जाए, ताकि सभी लोग 9 बजे तक अपने-अपने घर वापस चले जाएं।
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, ‘इस साल रमजान का चांद 12 अप्रैल को दिखेगा। अगर चांद दिख जाता है तो पहला रोज़ा 13 अप्रैल को होगा, नहीं तो 14 अप्रैल को होगा। कोरोना के मामले बढ़ रहे है इसलिए सभी से अपील है कि रमजान में कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से ध्यान रखें’।
इस्लामिक सेंटर के मौलाना महली ने कहा कि एक वक्त पर किसी भी मस्जिद में 100 से ज्यादा लोगों को जाने की इजाजत नहीं होगी। इसी तरह इफ्तार में भी 100 से ज्यादा लोगों के जमा होने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। रमजान में भी कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना सबके लिए जरूरी होगा।
एक नजर में जानें एडवाइजरी की जरूरी बातें
(1) रमजान में भी कोरोना नियमों का पालन करना जरूरी होगा।
(2) मस्जिदों में तरावीह में डेढ़ पारे ही पढ़े जाएं।
(3) नमाजी नाइट कर्फ्यू शुरू होने से पहले पहुंचें घर।
(4) मस्जिद में 100 से ज्यादा लोगों की एंट्री नहीं।
(5) मस्जिद में भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाए।
(6) सेहरी के समय जगाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं होगा।
(7) इफ्तार में भी 100 से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक होगी।
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इसके अलावा एडवाइजरी जारी कर कहा गया है कि रमजान के रोजे़ फर्ज हैं इसलिए सारे मुसलमान रोज़े जरूर रखें। तरावीह जो रमजान में सुन्नत मुअक्किदा है उसका एहतिमाम जरूर करें। गरीबों के लिए इफ्तारी का आयोजन इस साल भी करें। इफ्तार पार्टियों की रकम को या इसका राशन गरीबों में बांट दें।