‘दलित दिवाली’ मनाने की बात पर बुरे फंसे अखिलेश यादव, भुगतना पड़ा भारी खामियाजा

बाबा साहेब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर की पुण्यतिथि पर 14 अप्रैल को समाजवादी पार्टी (सपा) ने ‘दलित दिवाली’ मनाने की घोषणा किया है। अब इस आयोजन को सोशल मीडिया पर विवाद हो गया है। गुरुवार देर रात से ही ट्विटर पर हैशटैग ‘शेम ऑन यू अखिलेश’ ट्रेंड कर रहा है।

बाबा साहेब की याद में “दलित दिवाली” मनाने की बात स्वयं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को ट्वीट करके दी। उसी ट्वीट में अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधा है। वहीं, बाबा साहेब के समर्थकों को साधने की यह कोशिश अखिलेश पर ही भारी पड़ गई है। देर रात से ही शुक्रवार की सुबह तक ट्विटर पर  ‘शेम ऑन यू अखिलेश’ ट्रेंड करता रहा।

दलितों को बेवकूफ बनाने के बजाय उनके उत्थान के लिए करें काम

बता दें कि भाजपा पर प्रहार व दलित समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करते हुए अपने ट्वीट में अखिलेश ने कहा कि भाजपा के राजनीतिक अमावस्या के काल में वो संविधान ख़तरे में है, जिससे मा. बाबासाहेब ने स्वतंत्र भारत को नयी रोशनी दी थी। इसलिए मा. बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती, 14 अप्रैल को समाजवादी पार्टी उप्र, देश व विदेश में ‘दलित दीवाली’ मनाने का आह्वान करती है।

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अखिलेश के इस दलित दिवाली आयोजन पर आंबेडकर समर्थकों सहित अन्य लोग भी आक्रोशित हैं। लोगों का कहना है कि बाबा साहेब ने किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए अपना योगदान दिया। अखिलेश यादव उनके जयंती पर मनाने वाले कार्यक्रम में दलित शब्द को जोड़कर बाबासाहेब को संकुचित नजरिये से देख रहे हैं। एक तरफ देश-दुनिया बाबा साहेब को समानता के लिए याद करती है तो वहीं अखिलेश दलित दिवाली का आयोजन करके विभाजन खड़ा कर रहे हैं।