पेशे से सर्जन, लादेन का एडवाइजर; कभी रूसी हिरासत में बिताए थे 6 महीने, जानिए कौन था अल-जवाहिरी

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडेन ने सोमवार को घोषणा की कि उन्होंने रविवार को अफगानिस्तान में एक ड्रोन हमले में अलकायदा लीडर अयमान अल-जवाहिरी को ढेर कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि जवाहिरी 9/11 की साजिश में शामिल था। ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद से अल कायदा का नेतृत्व कर रहा अल जवाहिरी काबुल में एक घर में छिपा हुआ था। अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ने के ठीक 11 महीने बाद यह बड़ी कामयाबी हासिल की है।

कौन था अयमान अल-जवाहिरी?

9/11 के हमलों को अपनी आंखों से देखने वाले अमेरिकियों को अल-जवाहिरी का नाम शायद याद न हो, लेकिन लोग दो दशकों से अधिक समय से उसके चेहरे को सभी पहचानते हैं। बड़ी दाढ़ी, गोरा और लाल चेहरा और चश्मे में हल्की मुस्कान लिए एक शख्स, अक्सर ओसामा बिन लादेन के साथ देखा गया। अल-जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के काहिरा में हुआ था। वह एक संपन्न परिवार में जन्मा था लेकिन जब बड़ा हुआ तो उसने खुद को सुन्नी इस्लामी पुनरुत्थान की एक हिंसक शाखा से जुड़ गया।

दादा यूनिवर्सिटी में इमाम, परदादा अरब लीग के पहले सचिव

अल-जवाहिरी ने पढ़ाई पूरी की और बड़ा होकर एक आंखों का सर्जन बना। सर्जन होने के नाते उसने मिडिल ईस्ट और मिडिल एशिया का दौरा किया। इस दौरान उसने अफगानों के युद्ध को देखा और युवा ओसामा बिन लादेन और अन्य अरब आतंकवादियों के संपर्क में आया। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उसके दादा अल-अजहर यूनिवर्सिटी में इमाम थे जबकि उसके परदादा अब्देल रहमान अरब लीग के पहले सचिव थे।

अल-कायदा की स्थापना में अहम भूमिका

रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1981 में राष्ट्रपति अनवर सादात की इस्लामिक कट्टरपंथियों की हत्या के बाद अल जवाहिरी को भी जेल में डाल दिया गया। इसी दौर की प्रताड़ना ने उसे और अधिक कट्टरपंथी बना दिया। इसी घटना के सात साल बाद जब ओसामा बिन लादेन ने अल-कायदा की स्थापना की तब अल-जवाहिरी भी मौजूद रहा था। इसी स्थापना के साथ अल-जवाहिरी ने अल-कायदा के साथ अपने मिस्र के आतंकवादी समूह का विलय कर दिया।

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रूसी हिरासत में अल-जवाहिरी ने बिताए थे 6 महीनें

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान से सोवियत वापसी के बाद के सालों में अल जवाहिरी बुल्गारिया, डेनमार्क और स्विट्जरलैंड में रहता था। इस दौरान वह कभी-कभी बाल्कन, ऑस्ट्रिया, यमन, इराक, ईरान और फिलीपींस की यात्रा के लिए झूठे पासपोर्ट का इस्तेमाल करता था। एक बार उसे दिसंबर 1996 में चेचन्या में वैध वीजा के बिना पकड़ा गया था, जिसके बाद उसने कथित तौर पर छह महीने रूसी हिरासत में बिताए थे।