पश्चिम बंगाल के हावड़ा से भारी नकदी के साथ पकड़े गए कांग्रेस के तीन विधायकों से सीआईडी पूछताछ कर रही है। ऐसे में कई चौंका देने वाले खुलासे हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि आधा दर्जन से अधिक विधायक सरकार गिराने की साजिश और खरीद-फरोख्त में शामिल हो सकते हैं। कई विधायकों और कांग्रेस कोटे के मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है। ऐसे में सीआईडी अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए कुछ और विधायकों से पूछताछ कर सकती है। कांग्रेस ने पहले ही दावा किया था कि झारखंड में ऑपरेशन लोटस विफल हो गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष समेत कई विधायकों ने असम व कोलकाता के एक मोबाइल नंबर पर 50 से अधिक बार फोन किया। जिसके बाद सरकार गिराने की साजिश के आरोपों को बल मिलने लगा है।
तीन विधायकों की गिरफ्तारी के बाद जानकारी सामने आई कि झारखंड से ही पश्चिम बंगाल के इंटेलिजेंस को इनपुट दिए गया कि कुछ विधायक सरकार गिराने से जुड़ी गतिविधियों में शामिल हैं। ऐसा इसलिए भी किया गया क्योंकि कोलकाता के सादर स्ट्रीट स्थित एक होटल का सीसीटीवी सामने आया। जिसके मुताबिक, होटल के एक कमरे में तीनों विधायकों ने एंट्री की और फिर कुछ देर बाद वो कमरे से बाहर निकले।
सरकार गिराने की हो रही कोशिश ?
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा पर बड़ा हमला करते हुए दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में विधायकों के ऊपर जो प्रयास हो रहा है उससे कहा जा सकता है कि यह लोग (भाजपा) अपने नापाक इरादे में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की हालत बिना पानी के मछली जैसी हो चुकी हैं। वह बिना सत्ता के एक पल नहीं रह सकते और यह देश के लोकतंत्र पर एक हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा एक नयी राजनीतिक परिभाषा बनाने की कोशिश कर रही है और भाजपा की राजनीतिक महत्वाकांक्षा बहुत अधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है लेकिन हम उनके कृत्यों से भयभीत नहीं हैं। हम जानते हैं कि वे किस स्तर तक गिर सकते हैं। जनता भाजपा को करारा जवाब देगी।
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10 करोड़ रुपए का मिला था ऑफर
इससे पहले बेरमो निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल सिंह का एक पत्र सामने आया था। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि तीनों विधायकों ने उन्हें गुवाहाटी ले जाने और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से मिलने के लिए कोलकाता बुलाया था। उन्होंने कहा था कि हिमंत बिस्वा सरमा ने कथित तौर पर नई सरकार में प्रति विधायक 10 करोड़ रुपए के अलावा एक निश्चित मंत्री पद का आश्वासन दिया, जो वर्तमान झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस सरकार को गिराने के बाद बन सकती है।