लखनऊ। बीजेपी के ‘किसान सम्मेलन’ को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट पर यूपी सरकार ने जोरदार पलटवार किया है। कैबिनेट मंत्री व उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ ने सपा मुखिया को जवाब देते हुए कहा कि आपके लिए किसान सिर्फ वोट बैंक होंगे,भाजपा तो उनको अन्नदाता और देश का भाग्यविधाता मानती है।
गुरुवार को जारी एक बयान में सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि 2017 में जनता द्वारा बुरी तरह से नकार दिए गए सपा मुखिया अखिलेश यादव की पार्टी की 2022 में भी हार सुनिश्चित है। जनता की इस मनोभावना को देख अखिलेश यादव बौखला गए हैं। ऐसे में उनसे किसी सकारात्मकता की उम्मीद नहीं कि जा सकती। वोटबैंक की राजनीति के इतर उन्होंने कुछ भी तो नहीं है। लिहाजा उनकी सोच भी वहीं तक सीमित है। अपने समय में उन्होंने किसानों की चिंता की होती तो 2017 के चुनाव में सपा की यह दुर्गति नहीं होती।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव 2017 से लेकर अबतक के योगी सरकार के कार्यकाल का खुले मन से दस फीसद भी अध्ययन कर लेते तो शायद अनर्गल बयान नहीं देते। योगी सरकार की पहली कैबिनेट से ही किसान सर्वोच्च प्राथमिकता रहे हैं। पहली ही कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश के 86 लाख लघु व सीमांत किसानों का 36000 करोड़ रुपये का फसली ऋण माफ किया गया। अन्नदाता पर यह ऋणभार “बबुआ-बुआ” की सरकारों ने डाल रखा था। इसके साथ ही किसानों को तीन लाख 92 हजार करोड़ रुपए का फसली ऋण का भुगतान किया गया है
श्री सिद्धार्थनाथ ने कहा कि 2017 से पहले की सरकारें चीनी मिलों को बेचने व बंद करने पर आमादा थी, योगी सरकार ने किसानों के व्यापक हित में एक भी चीनी मिल को बंद होने या बिकने नहीं दिया है। पिपराइच, मुंडेरवा, रमाला सहित 20 चीनी मिलों का आधुनिकीकरण कराया। कोरोनाकाल में भी यूपी में 119 चीनी मिलें चालू रहीं तो इसके पीछे की सोच भी सिर्फ किसान हित ही है। योगी सरकार ने किसानों को अबतक 1 लाख 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया है, इसमें बड़ी धनराशि पूर्व की सरकारों द्वारा लगाया गया बकाया है।
यूपी में भाजपा सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान व गेहूं खरीद रिकार्ड कायम किया है। सीएम योगी के नेतृत्व में राज्य में पहली बार 433.86 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न की सरकारी खरीद की गई और 78,23,357 किसानों को 78,000 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश के किसानों को मिल रहा है। राज्य के 2 दो करोड़ 36 लाख किसान प्रति माह दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्राप्त कर रहे हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से यूपी के दो करोड़ से अधिक किसान जुड़े हैं और इस योजना से 25 लाख 60 हजार से अधिक किसानों को 2,208 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति दी गई है।