मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र पूरी सतर्कता बरती जाये। उन्होंने मेरठ में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन जिलों में हर दिन 50 से 100 तक संक्रमण के मरीज आ रहे हैं उन जिलों में भी विशेष सतर्कता बरती जाये। पब्लिक एड्रेस सिस्टम पूरी सक्रियता से चलाये जायें, क्योंकि कोरोना से बचाव के लिए इस समय इनकी सक्रियता की बहुत ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए तय प्रोटोकाॅल का पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। जनता मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करे इस बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाये। सोशल डिस्टेंसिंग का हर हाल में पालन हो। साफ-सफाई व सेनिटाइजेशन कार्य लगातार चलता रहे। सभी अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में फायर सेफ्टी का एनओसी अनिवार्य किया जाये। ‘यूपी कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ के निर्देशें के क्रम में कामगारों को रोजगार दिलाते हुए इसकी सभी जिलाधिकारी लगातार समीक्षा करें।
धान क्रय के संबंध में योगी ने कहा कि इसके लिए स्थापित केंद्रों पर किसानों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए और एमएसपी योजना का पूरा लाभ उन्हें मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि धान विक्रय से पहले किसानों को जागरूक किया जाये कि वे इसे अच्छी तरह से छानकर और सुखाकर ही खरीद केंद्रों पर लाएं। जिन जिलों में धान खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाने की ज़रूरत हो, वहां के जिलाधिकारी अपने विवेक से इनकी संख्या बढ़ाना सुनिश्चित करें। उन्होंने गन्ना खरीद केंद्रों को पूरी सक्रियता से चलाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंडलायुक्त शासन की योजनाओं के संबंध में लगातार समीक्षा करें। यह भी सुनिश्चित करें कि तहसील स्तर पर राजस्व विवादों का निस्तारण समय से किया जाये। विकास खंड स्तर पर बीडीओ भी लगातार माॅनिटरिंग करें। सरकार की मंशा है कि शासन की योजनाओं और विकास कार्यों का पूरा लाभ आमजन को मिले।
योगी ने कहा कि थानों पर पूरी पारदर्शिता के साथ जनता की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि थाना, तहसील और विकास खंड स्तर पर सभी कार्य समय से पूरे किए जायें। जब भी छोटी इकाइयां अपना दायित्व भलीभांति निभाती है, तो इससे सकारात्मक परिवर्तन बड़े स्तर पर आता है। उन्होंने कहा कि तहसील, थाना और विकास खंड स्तर आमूल-चूल परिवर्तन दिखने चाहिए।
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पराली के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण के बारे में जागरूक करते हुए उन्हें इसे न जलाने के लिए कहा जाये। उन्हें यह भी बताया जाये कि खेतों में पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है।
योगी ने कहा कि पर्व और त्योहारों के मद्देनजर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाये। पटाखा बनाने वाली इकाइयां किसी भी दशा में आबादी के अंदर स्थापित न होने पाएं। उन्होंने कहा कि ठंड के मद्देनज़र रैन बसेरों की स्थापना करते हुए उन्हें सभी सुविधाओं से युक्त किया जाये।