अब पूरे प्रदेश में 1 से 30 सितंबर तक चलेगा ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ विशेष अभियान

लखनऊ। योगी सरकार के 25 अगस्त के निर्देशों के अनुरूप पूरे प्रदेश में 1 से 30 सितम्बर तक ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ विशेष सड़क सुरक्षा अभियान संचालित किया जाएगा। यह अभियान जिलाधिकारी के नेतृत्व तथा जिला सड़क सुरक्षा समिति के समन्वय से चलाया जाएगा, ताकि जनपद स्तर पर सभी संबंधित विभाग एक साथ नागरिक सुरक्षा के इस उद्देश्यमूलक प्रयास को आगे बढ़ाएं। इस अवधि में पुलिस, राजस्व/जिला प्रशासन तथा परिवहन विभाग के अधिकारी प्रवर्तन की मुख्य जिम्मेदारी निभाएँगे। योगी सरकार ने आमजन से अपील की है कि वे इन प्रवर्तन एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग करें।

यह पहल पूर्णतः विधिसम्मत एवं जनहितैषी है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 दोपहिया चालक तथा पिलियन के लिए हेलमेट को अनिवार्य करती है, जबकि धारा 194D उल्लंघन पर दंड का प्रावधान करती है। सर्वोच्च न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति द्वारा भी राज्यों को हेलमेट अनुपालन को प्राथमिकता देने का परामर्श दिया गया है। योगी सरकार ने कहा कि ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ का उद्देश्य दण्डित करना नहीं, बल्कि नागरिकों को कानून के अनुरूप सुरक्षित व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करना है—ईंधन तभी, जब हेलमेट सिर पर हो।

परिवहन आयुक्त ने कहा कि अभियान पूरी तरह से सार्वजनिक हित में है। पूर्व के अनुभव बताते हैं कि दोपहिया वाहनस्वामी शीघ्र ही हेलमेट के साथ आने की आदत विकसित कर लेते हैं। इससे ईंधन बिक्री पर भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। सभी पेट्रोल पम्प संचालकों से अनुरोध है कि वे इस प्रयास में सक्रिय सहयोग दें। खाद्य एवं रसद विभाग के माध्यम से पेट्रोल पम्प स्तर पर आवश्यक समन्वय/निगरानी सुनिश्चित की जाएगी।

सूचना एवं जनसम्पर्क तंत्र जन-जागरूकता के प्रसार में सहयोग करेगा। नागरिक, उद्योग और प्रशासन मिलकर ही सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु एवं गंभीर चोटों को कम करने के राष्ट्रीय लक्ष्य की ओर ठोस कदम बढ़ा सकते हैं।