महाराष्ट्र में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, आयकर (आईटी) विभाग ने 2021 में जब्त की गई उनकी 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को मंजूरी दे दी है। यह कदम बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा उन आरोपों को खारिज करने के बाद उठाया गया है कि उनके और उनके परिवार के पास बेनामी संपत्ति है।
इस मामले में सतारा में एक चीनी मिल, दिल्ली में एक फ्लैट और गोवा में एक रिसॉर्ट समेत कई संपत्तियां जब्त की गई थी। इनमें स्पार्कलिंग सॉइल, गुरु कमोडिटीज, फायर पावर एग्री फार्म और निबोध ट्रेडिंग कंपनी से संबंधित संपत्तियां भी शामिल थी।
अजित पवार के खिलाफ आयकर विभाग पेश नहीं कर सका पर्याप्त सबूत
हालांकि, न्यायाधिकरण ने पर्याप्त सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए आरोपों को खारिज कर दिया। न्यायाधिकरण ने कहा कि संपत्तियों के लिए वैध वित्तीय मार्गों का उपयोग करके भुगतान किया गया था, और कहा कि आयकर विभाग बेनामी संपत्तियों और पवार परिवार के बीच कोई संबंध स्थापित करने में विफल रहा है।
अजित पवार के अधिवक्ता ने दी जानकारी
न्यायाधिकरण ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह साबित करे कि अजित पवार या उनके परिवार ने बेनामी संपत्तियां हासिल करने के लिए धन हस्तांतरित किया, ऐसा नहीं है कि अजित पवार, सुनेत्रा पवार और पार्थ पवार ने बेनामी संपत्तियां हासिल करने के लिए धन हस्तांतरित किया।
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अजित पवार और उनके परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता प्रशांत पाटिल ने कहा कि आरोपों का कोई कानूनी आधार नहीं है और परिवार ने कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन संपत्तियों को हासिल करने के लिए लेन-देन बैंकिंग प्रणाली सहित वैध चैनलों के माध्यम से किया गया था। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड में कोई अनियमितता नहीं थी।
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