उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिन 27 जुलाई यानी की गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के जलमार्गों के विकास पर विचार-विमर्श किया और अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में जलमार्ग परिवहन का तेजी से विस्तार हो रहा है। इसमें अब प्रयागराज से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग भी सम्मिलित है। अंतर्देशीय जल परिवहन उत्तर प्रदेश में यात्रियों और कार्गो के लिए एक सुविधा के रूप में अच्छी विकास और संभावनाएं प्रदान करेगा।
सीएम योगी ने आग्रह किया कि प्रदेश में जलमार्गों के सृजन, विकास, और उन्हें यातायात और माल ढुलाई के लिए उपयोग में लाने के लिए सक्रिय प्रयास करने की जरूरत है। इसके लिए, उत्तर प्रदेश में अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना की जानी चाहिए। इस प्राधिकरण का मुख्य ध्येय भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समन्वय का कार्य करना होगा। यह प्राधिकरण अंतर्देशीय जल परिवहन एवं पर्यटन से संबंधित सभी गतिविधियों को विनियमित करेगा, साथ ही जल परिवहन से संबंधित पर्यावरण और सुरक्षा नियमों का पालन करेगा।
इस प्राधिकरण के अंतर्देशीय जल यातायात डेटा का अध्ययन और विश्लेषण करने का भी प्रावधान किया जाना चाहिए। विभिन्न विषयों पर वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से अंतर्देशीय जल परिवहन, पर्यटन, शिपिंग और नेविगेशन संबंधित गतिविधियों का अध्ययन भी किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, स्टेकहोल्डर्स, अधिकारियों, और कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए, ताकि वे इस नई पहल के सफलता के लिए तैयार हो सकें।मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि नदियों के कैचमेंट एरिया में अवैध खनन और बसाहट नहीं होनी चाहिए। इस विषय में सतर्क रहने की जरूरत है।
आपको बता दे, सीएम की तरफ से यह निर्देश उत्तर प्रदेश के जलमार्ग परिवहन के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे प्रदेश के लोगों को जलमार्गों के माध्यम से यातायात करने का एक नया और सुगम विकल्प मिलेगा। इस प्रक्रिया में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार का मौका मिलेगा और प्रदेश के पर्यटन सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। इस पहल के जरिए प्रदेश के विकास में नई ऊर्जा भरेगा और यह एक सकारात्मक प्रयास है जो भविष्य में प्रदेश को और समृद्ध बनाने में सहायक होगा।
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