नयी दिल्ली । बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बज कर तीन मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन में हंगामे की वजह से आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
पूर्वाह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत 30 नोटिस मिले हैं जिनमें बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), ओडिशा में महिलाओं और बच्चों के कथित उत्पीड़न, बंगाली कामगारों के साथ दूसरे राज्यों में कथित दुर्व्यवहार, छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी, अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25 फीसदी शुल्क और जुर्माने के दुष्प्रभाव के मुद्दे पर नियत कामकाज स्थगित कर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की गई है।
हरिवंश के अनुसार कांग्रेस के नीरज डांगी, अखिलेश प्रसाद सिंह, राजीव शुक्ला, रेणुका चौधरी, रंजीत रंजन, द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले और सुष्मिता देव ने एसआईआर की वजह से उत्पन्न चिंताओं पर चर्चा की मांग की।
उपसभापति ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस की मौसम बी नूर, रीताब्रता बनर्जी, और सागरिका घोष तथा समीरुल इस्लाम ने अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों के साथ कथित भेदभाव के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने बताया कि बीजद के निरंजन बिशी, देबाशीष सामंतराय, सुलता देव, सस्मित पात्रा, मानस रंजन मंगराज, सुभाशीष खुंटिया, मुजीबुल्ला खान ने ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ कथित तौर पर बढ़ते अपराध के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
हरिवंश के अनुसार, कांग्रेस की जे बी माथेर हीशम तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ए ए रहीम ने छत्तीसगढ़ में 24 जुलाई को हुई दो ननों की कथित अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी के मुद्दे पर पर चर्चा की मांग की, जबकि सपा के मजीलाल सुमन तथा आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क और जुर्माना लगाने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने बताया कि माकपा के डॉ वी शिवदासान ने आईटी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सामूहिक छंटनी किए जाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है।
उपसभापति ने कहा कि ये नोटिस आसन द्वारा पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं हैं, इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। नोटिस स्वीकार नहीं किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और हंगामा करने लगे। तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्य आसन के सामने आ कर एसआईआर पर हल्ला बोल तथा वोट की चोरी बंद करो के नारे लगाने लगे।हरिवंश ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने और अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील की। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा को अपनी बात रखने की अनुमति दी। झा ने एसआईआर का मुद्दा उठाना चाहा जिस पर उपसभापति ने कहा कि निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक निकाय है और सदस्य जो मुद्दा उठाना चाह रहे हैं वह उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।
उपसभापति ने कहा यह मुद्दा अदालत में विचाराधीन है और सदन के नियम पूरी तरह स्पष्ट हैं। मैं (चर्चा की) अनुमतिनहीं दे सकता। उन्होंने शून्यकाल के तहत नियत मुद्दा उठाने के लिए आम आदमी पार्टी के डॉ अशोक कुमार मित्तल का नाम पुकारा। मित्तल ने हंगामे के बीच ही स्वास्थ्य तथा चिकित्सा से जुड़ा मुद्दा उठाया।हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से वापस अपने स्थानों पर जाने की अपील करते हुए कहा, पूरा देश देख रहा है कि आप आम लोगों से जुड़ी समस्या उठाने नहीं दे रहे हैं।
आप नियमों का पालन नहीं करते। यह ठीक नहीं है। सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने 11 बजकर 10 मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दिया। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने पुन: अपने अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ कर नारेबाजी करने लगे।
पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने प्रश्नकाल के लिए कांग्रेस के विवेक तन्खा का नाम पुकारा। तन्खा का प्रश्न डिजिटल व्यक्तिगतडेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम 2023 के कार्यान्वयन से संबंधित था लेकिन उन्होंने कहा कि वह एसआईआर पर प्रश्न पूछना चाहते हैं। पीठासीन अध्यक्ष तिवाड़ी ने उन्हें कहा कि वह मूल प्रश्न से संबंधित पूरक प्रश्न ही पूछें। उन्होंने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से जवाब देने के लिए कहा। तन्खा ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है। तिवाड़ी ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने बारह बज कर तीन मिनट पर बैठक को सोमवार चार अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया।
शुक्रवार की कार्यसूची के अनुसार, उच्च सदन में निजी सदस्यों के संकल्पों पर चर्चा के अलावा आज मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को अगले छह महीने तक जारी रखने के लिए वैधानिक संकल्प और समुद्र द्वारा माल परिवहन विधेयक, 2025 पर चर्चा होनी थीमानसून सत्र की शुरूआत 21 जुलाई को हुई थी और आज सदन की कार्यवाही का 10वां दिन था। सदन में इस दौरान एसआईआर सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से एक बार भी शून्यकाल तथा प्रश्नकाल नहीं हो पाया और न ही कोई कामकाज सामान्य तरीके से हो पाया। सदन में मंगलवार और बुधवार को आॅपरेशन सिंदूर पर चर्चा हुई थी और गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा का जवाब दिया था।
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