मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक स्थलों पर फिर नए लाउडस्पीकर लगाए जाने व उनकी मानक से अधिक ध्वनि को गंभीरता से लिया है। योगी ने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि अभियान चलाकर धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों की ध्वनि पूर्व की भांति मानक के अनुरूप नियंत्रित कराई जाए। कहा कि कुछ माह पूर्व सहज संवाद के माध्यम से धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाये जाने की अभूतपूर्व कार्यवाही हुई थी।
लोगों ने जनहित को प्राथमिकता देते हुए स्वेच्छा से लाउडस्पीकर हटाये, जिसकी पूरे देश में सराहना हुई थी। कहा कि कई जिलों में दौरों के समय उन्होंने अनुभव किया है कि कुछ जिलों में फिर से लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। अधिकारी तत्काल संपर्क-संवाद कर आदर्श स्थिति स्थापित कराएं। कहा कि ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती से रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।
अधिकारियों से कहा कि मांगलिक कार्यक्रम से पहले डीजे व म्यूजिक सिस्टम संचालकों से संवाद कायम करें। किसी को भी अव्यवस्था फैलाने की छूट नहीं मिलनी चाहिए।निकाय चुनाव व ईद के शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद योगी ने बुधवार रात वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों को फील्ड में निकलकर सभी व्यवस्थाओं को देखने व अधीनस्थों के कार्य की नियमित समीक्षा का निर्देश भी दिया। उच्च स्तरीय बैठक में गृह विभाग की समीक्षा भी की।
योगी ने जोन, रेंज व जिला स्तर के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारियों से कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारी व कर्मी जनसमस्याओं के निस्तारण को शीर्ष प्राथमिकता दें। जनसुनवाई कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए आैर शिकायतकर्ताओं के साथ संवेदनशील व्यवहार रखा जाए। कहा कि अधिकारी यह ध्यान रखें कि उनका आचरण आम आदमी के मन में शासन के प्रति विश्वास का आधार बनता है। जनता की संतुष्टि ही आपके प्रदर्शन की श्रेष्ठता का मानक होगा।
थाना दिवस व तहसील दिवस को और प्रभावी बनाया जाना आवश्यक है। यह सुनिश्चित किया जाए कि शिकायतों का निस्तारण अगले थाना/तहसील दिवस से पूर्व अवश्य हो। यहां आने वाले मामले कतई लंबित न रहें। योगी ने कहा कि फील्ड में तैनात हर स्तर के अधिकारी अपने तैनाती क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें। वरिष्ठ अधिकारी इसका औचक निरीक्षण भी करें। मंडलायुक्त, डीएम, एसएसपी, एसपी, डीआइओएस, बीएसए, जिला पूर्ति अधिकारी व ऐसे ही लोगों से सीधा जुड़ाव रखने वाले अन्य सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में ही लोगों से मिलें और उनकी शिकायतों व समस्याओं को सुनें।
मेरिट के आधार पर उनका निस्तारण करें। कहा कि कैंप कार्यालय की व्यवस्था केवल कार्यालय अवधि के उपरांत अथवा अवकाश के दिनों में ही होनी चाहिए। योगी ने विकास कार्यों में पिछड़े जिलों को लेकर चिंता भी जताई। कहा कि जहां विकास कार्याें की गति बेहद धीमी है, वहां नियमित समीक्षा की जाए और कार्य निर्धारित समय में पूरे कराए जाए। विकास कार्यों को लेकर नोडल अधिकारी तैनात कर उसकी जवाबदेही तय किए जाने का निर्देश भी दिया।
यह भी दिए निर्देश
किसी भी जिले में अवैध टैक्सी, बस व रिक्शा स्टैंड संचालित न हों। जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए। टैक्सी स्टैंड के लिए ठेकेदार स्थान निर्धारित करें।
जिला उद्योग बंधु की बैठकें नियमित रूप से हों। डीएम व एसपी खुद बैठक में उपस्थित रहें। उद्यमियों की हर समस्या का उचित समाधान कराया जाए।
बेटियों-महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले शोहदों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए। पुलिस अधिकार व कर्मी प्रतिदिन फुट पेट्रोलिंग करें। वरिष्ठ अधिकारी भी उसमें भाग लें।
अवैध शराब के कारोबार पर शिकंजा कसा जाए। अवैध शराब के निर्माण, क्रय व विक्रय की एक भी घटना घटित नहीं होनी चाहिए। नशे के आदि पुलिसकर्मियों को फील्ड की जिम्मेदारी कतई न दी जाए। ऐसे पुलिसकर्मियों को चिह्नित कर उनकी सेवा समाप्त की जाए।
सभी 17 नगर निगमों व गौतमबुद्धनगर को स्मार्ट और सेफ सिटी बनाना है, इसके लिए व्यापक प्रयास किए जाएं। हर जिले के मुख्यालय के पास पहली बड़ी नगर पालिका व नगर पंचायतों को भी सेफ व स्मार्ट सिटी के अभियान से जोड़ा जाए।
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बाढ़ प्रबंधन को लेकर अभी से तैयारी शुरू की जाए। 15 जून तक बाढ़ प्रबंधन की सभी तैयारियां पूरा करा ली जाएं। गर्मी अभी और बढ़ सकती है, इसे देखते हुए बिजली की सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। कहीं भी पेयजल का संकट नहीं होना चाहिए। पशु-पक्षी के लिए भी पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए।