कोलकाता। नवदुर्गा, नवरात्रि और दुर्गापूजा नाम चाहे जो पुकारें लेकिन इन 9 दिनों में जो चहल-पहल और रौनक देश भर में दिखाई देती है जो माहौल और मन को भक्तिमय बना देती है। इन सबमें सबसे ज्यादा आकर्षक और खूबसूरत परंपरा जहां नजर आती है। वह है पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा जहां नवरात्रि की अलग ही धूम रहती है। लेकिन इस बार दर्शनार्थियों को प्रवेश नहीं मिलेगा।
दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस (कोविड-19) की स्थिति को देखते हुये आदेश दिया कि पश्चिम बंगाल में इस वर्ष दुर्गा पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी और केवल आयोजकों को सीमित संख्या में पंडालों के अंदर उपस्थित रहने की इजाजत होगी।
न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की युगल पीठ ने पंडालों के अंदर पूजा आयोजकों की संख्या भी सीमित कर दी है। पीठ ने बड़े पंडालों के लिए आयोजकों की संख्या 25 और छोटे पंडालों के लिए 15 तक सीमित कर दी है।
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कलकत्ताल हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच की ओर से कहा गया है कि कि सभी पंडालों के प्रवेश-द्वार पर बैरिकेड लगाने होंगे। बड़े पंडालों को 10 मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगाने होंगे और छोटे पंडालों को पांच मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगाने होंगे। पीठ ने कहा कि कोलकाता में करीब 3,000 पंडालों में दो-तीन लाख दर्शनार्थियों आएगें। लोगों के स्वास्थ्य को अहम बताते हुए अदालत ने कहा कि कोलकाता में इतनी पुलिस नहीं है। इतनी भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस कर्मियों की 30,000 संख्या बहुत कम है।