राज्यसभा में जुलाई में राजस्थान (Rajasthan) से खाली हो रही चार सीटों के लिए सियासत का शक्ति प्रदर्शन अभी से दिखने लगा है. चार में से तीन सीटों पर गणित साफ है. वर्तमान गणित के अनुसार दो सीटें कांग्रेस और एक भाजपा के खाते में आती दिख रही है, लेकिन चौथी सीट को लेकर मुकाबला रोमांचक हो सकता है.
प्रदेश में जुलाई में राज्यसभा की चार सीटें खाली हो रही हैं. ये चारों ही सीटें अभी भाजपा के खाते में हैं. जुलाई में भाजपा के केजी अल्फांज, हर्षवर्धन सिंह, ओम माथुर और रामकुमार वर्मा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. फिलहाल राजस्थान (Rajasthan) कोटे की दस सीटों में से कांग्रेस के खाते में तीन सीटें हैं. इनमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी के नाम हैं.
अगर गहलोत सरकार आने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections)ों को लेकर सियासी गुणाभाग करती है तो दो सीटों पर राजपूत, जाट को आगे किया जा सकता है. दलित रि-प्रजेंटेशन के रूप में सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पहले ही नीरज डांगी को राज्यसभा भेज चुके हैं. वहीं जो नाम दिल्ली से आना है उसके लिए दर्जन भर से ज्यादा नाम हैं. इनमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, उनके पति राबर्ट वाड्रा, राजस्थान (Rajasthan) कांग्रेस प्रभारी अजय माकन का नाम भी शामिल है. राजपूत चेहरे के रूप में अलवर (Alwar) के पूर्व सांसद (Member of parliament) और एआईसीसी के महासचिव भंवर जितेंद्र के अलावा सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बेहद करीबी माने जाने वाले आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ का नाम सबसे आगे है. वहीं जाट चेहरे के रूप में डीजीपी एमएल लाठर का नाम भी चर्चाओं में है.
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भारतीय जनता पार्टी की ओर से ओम माथुर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) (Prime Minister Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह की नजदीकियों के चलते फिर से राज्यसभा भेजे जाने की संभावना अधिक दिखाई देती है. यदि माथुर के नाम की सहमति नहीं बनती है तो भी प्रत्याशी दिल्ली से भेजा जाना तय है.
इसके अलावा चौथी सीट पर भी मुकाबला रोचक दिखाई दे रहा है. चौथी सीट के लिए दोनों पार्टियों के पास पर्याप्त वोट नहीं होने के कारण किसी उद्योगपति को ही टिकट मिलने की संभावना ज्यादा दिखाई दे रही है.