पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की तरफ से कोलकाता में दूसरा एयरपोर्ट बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। उन्होंने इसी बहाने उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। ममता ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोलकाता में दूसरे एयरपोर्ट के निर्माण के लिए एक हजार एकड़ जमीन मांगी है। क्या मैं यहां बने घरों पर बुलडोजर चलवा दूं। उड्डयन मंत्री को इस मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए।
क्या है दूसरे एयरपोर्ट को लेकर विवाद?
दरअसल, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा था कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के लिए आधारभूत ढांचा विकास की योजना तैयारी की है। इसमें कोलकाता के लिए दूसरे हवाई अड्डे का निर्माण भी शामिल है, लेकिन ममता बनर्जी सरकार अब तक भूमि नहीं उपलब्ध करा सकी है।
सिंधिया ने दावा किया कि वह छह महीने से मुख्यमंत्री से बातचीत की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। मंत्री ने कहा कि कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय (एनएससीबीआई) हवाई अड्डा अपनी क्षमता तक पहुंच गया है, इसलिए वह दूसरा हवाई अड्डा स्थापित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री से बातचीत करना चाहते हैं।
ममता ने विवाद में केंद्र सरकार पर साधा निशाना
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इन्हीं दावों को लेकर ममता ने सोमवार को पलटवार किया। उन्होंने कहा, “एयरपोर्ट के लिए हम पहले से बसे लोगों को घरों से नहीं निकाल सकते।” उन्होंने केंद्र पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मैं उन लोगों की तरह नहीं हूं, जिन्होंने किसानों को मारा है।”
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नए एयरपोर्ट को लेकर क्या है केंद्र सरकार की योजना
मंत्री ने कहा कि मेट्रो रेलवे को हवाई अड्डा टर्मिनल भवन से जोड़ने के लिए 110 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि कोलाकाता में यात्रियों की बढ़ती संख्या को पूरा करने के लिए दो लाख वर्ग मीटर का नया हवाई अड्डा बनाने की जरूरत है। यह भी कहा कि जहां वर्तमान हवाई अड्डे की क्षमता 2.5 करोड़ लोगों की है, वहीं नए हवाई अड्डा की क्षमता 3.5 करोड़ होनी चाहिए।