कानपुर : दो बार एक भी सीट पर नहीं खुला कांग्रेस का खाता

उत्तर प्रदेश में जान फूंकने में जुटी कांग्रेस अबकी बार महिलाओं व युवाओं पर अधिक जोर लगा रही है। युवा और महिला मतदाता कांग्रेस की ओर कहां तक रुझान बढ़ाता है यह तो 10 मार्च को ही पता चल पाएगा, लेकिन कानपुर में दो बार का ऐसा रिकार्ड है जिसको कांग्रेस कभी दोहराना नहीं चाहती। क्योंकि दो बार जनता पार्टी और जनता दल की लहर में कांग्रेस कानपुर में एक भी सीट पर चुनाव नहीं जीत पायी थी।

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक राज किया और कानपुर में भी पार्टी की जीत होती रही। लेकिन दो बार ऐसा राजनीतिक समय चक्र बदला कि कांग्रेस का कानपुर में खाता भी नहीं खुला और सभी 10 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी हार गये थे। पहली बार उस समय कांग्रेस का खाता नहीं खुला जब आपातकाल के बाद 1977 में विधान सभा चनुाव हुए। इस चुनाव में जय प्रकाश नारायण (जेपी) इंदिरा गांधी के आपातकाल का जबरदस्त विरोध कर रहे थे और उन्होंने जनता पार्टी का मोर्चा संभाल रखा था। लोग उनकी बातों को सुन रहे थे और साथ ही जनता पार्टी पर लोगों को विश्वास था। इसी के चलते कानपुर की सभी 10 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।

इसके बाद दूसरा दौर 1989 का आया जब जनता दल की लहर उत्तर प्रदेश में दौड़ पड़ी। इसी चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश से कांग्रेस सत्ता से बेदखल हुई और आज तक पार्टी संघर्ष ही कर रही है। इस चुनाव में वीपी सिंह की अगुवाई वाली जनता दल ने कानपुर में कांग्रेस को चारों खाना चित कर दिया। इस प्रकार आजादी के बाद से आज तक के चुनाव में सिर्फ दो ही बार कांग्रेस अपने निम्नतम स्कोर पर रही। इन दो अपवादों को छोड़ दिया जाए तो कांग्रेस कानपुर में सदैव खाता खोलने में सफल रही। यहां तक कि पिछले विधान सभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस कैंट की सीट जीतने में सफल रही।

1977 में इन्होंने दर्ज की जीत

विधानसभा- जनता पार्टी – कांग्रेस

सीसामऊ-मोती राम – शियो लाल

आर्यनगर- बाबू बदरे – अब्दुल रहमान नश्तर

जनरलगंज- रेवती रमण रस्तोगी – वीरेंद्र तिवारी

गोविंद नगर- गणेश दत्त बाजपेयी – प्रत्याशी नहीं

कैंट- बाबूराम शुक्ला – राजेंद्र कुमार

कल्याणपुर- पुष्पा तलवार – राम नारायण पाठक

घाटमपुर- रामआसरे अग्निहोत्री – कुंवर शिवनाथ सिंह कुशवाहा

सरसौल- जौहरी लाल त्रिवेदी – देवेंद्र बहादुर चंदेल

बिल्हौर- मोतीलाल देहलवी – हनुमान प्रसाद कुरील

चौबेपुर- हरिकिशन श्रीवास्तव – जगदीश अवस्थी

1989 के चुनाव में इन्होंने दर्ज की जीत

विधानसभा-जनता दल – कांग्रेस

जनरलगंज- वीरेंद्र नाथ दीक्षित – रागेंद्र स्वरूप

आर्यनगर- रेशमा आरिफ – हाफिज मोहम्मद उमर

उत्तर प्रदेश में फिर बनेगी भाजपा सरकार : स्मृति ईरानी

सीसामऊ- शिवकुमार बेरिया – कमला दरियाबादी

गोविंद नगर- बालचंद्र मिश्रा (भाजपा) – विद्यारानी

कैंट- गणेश दीक्षित – पशुपति नाथ मेहरोत्रा

सरसौल- जौहरी लाल त्रिवेदी – देवेंद्र बहादुर सिंह चंदेल

कल्याणपुर-भूधर नारायण मिश्र – आरएन पाठक

घाटमपुर- रामआसरे अग्निहोत्री – शिवनाथ सिंह कुशवाहा

चौबेपुर- हरिकिशन श्रीवास्तव – नेक चंद

बिल्हौर- मोतीलाल देहलवी – हनुमान प्रसाद कुरील