पंजाब कांग्रेस की 31 उम्मीदवारों की दूसरी सूची लटक गई है, क्योंकि स्क्रीनिंग कमेटी इन 31 सीटों पर एक-एक उम्मीदवार का नाम तय नहीं कर पाई। शनिवार को जब केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक हुई तो इसके सदस्यों ने स्क्रीनिंग कमेटी से कहा कि हर सीट पर एक ही उम्मीदवार का नाम फाइनल करके दिया जाए।

एएनआइ सूत्रों के मुताबिक पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए बुलाई गई कांग्रेस मुख्य चुनाव समिति की बैठक में पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच मतभेद उभर गए। इसके कारण बैठक में किसी निर्णय तक नहीं पहुंचा जा सका।
इससे पहले पार्टी ने 86 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, जबकि उन 31 सीटों पर अभी सहमति नहीं बनी थी, जिन पर एक या एक से अधिक उम्मीदवार टिकट मांग रहे हैं। इनमें से 13 सीटों पर विधायक भी हैं। भोआ सीट से मौजूदा विधायक जोगिंदर पाल के नाम पर आम राय नहीं बनी। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और सुनील जाखड़ की राय इसे लेकर अलग-अलग है। जाखड़ इस सीट पर किसी नए उम्मीदवार को खड़ा करना चाहते हैं।
पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिद्धू भी यही चाहते हैं, लेकिन चन्नी चाहते हैं कि जोगिंदर पाल को ही यहां से दोबारा मौका दिया जाए। यही हाल खेमकरण सीट पर सुखपाल सिंह भुल्लर के साथ भी है। केंद्रीय चुनाव समिति ने लिस्ट को वापस कर दिया है। ऐसे में लगता है कि कांग्रेस को अपने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने में अभी कुछ और वक्त और लग सकता है।
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कैप्टन की पहली लिस्ट आज
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी रविवार को अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेंगे। अभी तक वह इस इंतजार में थे कि कांग्रेस पहले सीटों की घोषणा कर दे और नाराज विधायकों या नेताओं को वह अपनी पार्टी से टिकट दें। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस छोड़कर आए राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी और निमिषा मेहता को टिकट दे दिए हैं। हालांकि दो और विधायक भी भाजपा में शामिल हुए हैं, जिनमें फतेह सिंह सिंह बाजवा और डा. हरजोत कमल का नाम शामिल है। पार्टी ने अभी इनके नाम पर विचार नहीं किया है।
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