उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि लोक कलाएं और परम्पराएं हमें विरासत में मिली हैं। कलाकारों, संगीतकारों तथा विद्वानों को चाहिए कि सांस्कृतिक केंद्रों के माध्यम से वे अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक गतिविधियों का आदान-प्रदान करें। इससे प्रत्येक राज्य एक दूसरे की सांस्कृतिक गतिविधियों व हुनर से परिचित हो सकेंगे। राज्यपाल रविवार को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिल्प मेला के समापन समारोह को वर्चुअली रूप से सम्बोधित कर रही थी।

उन्होंने बताया कि उत्तर मध्य सांस्कृतिक केन्द्र ने इस वर्ष शिल्प मेले में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से 37 कला विधाओं के कुल 485 लोक एवं जनजातीय कलाकारों को मंच प्रदान किया है। इसके साथ ही स्थानीय लोक एवं युवा कलाकारों तथा उभरते हुए कलाकरों को उचित अवसर प्रदान करते हुए एक राष्ट्रीय मंच पर अपनी कला को प्रदर्शित कर उनके उत्साह को बढ़ाया है।
देश की विविध व समृद्ध संस्कृति को सीखने, जानने और उसके संरक्षण में भागीदार बनने की अपील करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पूर्वजों से मिली इस सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान प्रकट करना चाहिये। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अन्तर्गत भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपनी मिश्रित संस्कृति वाली समृद्ध विरासत को समझे और उसकी रक्षा करे।
उन्होंने कहा कि वास्तव में कला एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान से राज्यों के मध्य बेहतर ताल-मेल और सद्भावना बढ़ती है। विभिन्न लोक कलाएं परम्पराएं जीवन को समृद्ध बनाती हैं और ये हमें विरासत में मिली हैं।
इस अवसर पर सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज के निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा, विभिन्न राज्यों में अपने आये हुए सांस्कृतिक दल के कलाकारगण सहित अन्य गणमान्य लोग आनलाइन जुड़े हुए थे।
 Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine
				 
			 
		 
						
					 
						
					