नई दिल्ली। नागालैंड के मोन जिले में ओटिंग गांव के ग्रामीणों पर 21 पैरा स्पेशल फोर्स की फायरिंग के मामले में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जवाब दिया। इस हिंसा में 14 नागरिकों की मौत के बाद से नागालैंड में हिंसा फैल गई थी। लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ओटिंग में सेना को चरमपंथियों की संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिली थी। इसी आधार पर 21 कमांडो ने संदिग्ध इलाके में घात लगाकर हमला किया। तब वहां घटनास्थल पर एक वाहन पहुंचा था और उसे रोकने पर उसने भागने की कोशिश की थी। सेना को संदेह था कि इसमें चरमपंथी हो सकते हैं, इसी आशंका के चलते वाहन की गलत पहचान होने से गोली चलाई गई थी। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि वाहन में सवार 8 लोगों में से 6 की मौत हो गई। बाद में पता चला कि यह गलत पहचान का मामला है। घायल हुए 2 अन्य लोगों को सेना द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। बाद में इसकी खबर मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने सेना को घेर लिया और 2 वाहनों में आग लगा दी। सुरक्षा बलों पर हमले में एक जवान शहीद हो गया और कई अन्य जवान भी घायल हो गए हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि घायल सुरक्षाबलों को आत्मरक्षा के लिए और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। इस घटना में सात लोगों की मौत हो गई। स्थानीय प्रशासन-पुलिस ने स्थिति सामान्य करने की कोशिश की थी।
अब स्थिति नियंत्रण में
अमित शाह ने बताया कि अब जिले में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। 5 दिसंबर को नागालैंड के डीजीपी और कमिश्नर ने साइट का दौरा किया। प्राथमिकी दर्ज कर गंभीरता को ध्यान में रखते हुए राज्य अपराध पुलिस थाने को सौंप दी गई है। एसआईटी का गठन कर दिया गया है, जो इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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सुरक्षा बलों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज
इधर नागालैंड राज्य पुलिस ने सेना इकाई के खिलाफ स्वत: संज्ञान कर एफआईआर दर्ज की है, जिसमें आरोप लगाया कि सुरक्षाबलों का इरादा नागरिकों को मारना और घायल करना था। पुलिस दावा कर रही है कि शनिवार और रविवार को हुई गोलीबारी की अलग-अलग घटनाओं में 14 असैन्य नागरिक मारे गए। स्नढ्ढक्र में कहा गया है है कि दोपहर लगभग 3.30 बजे, ओटिंग गांव के कोयला खदान मजदूर एक वाहन से तिरु से अपने गांव लौट रहे थे। तभी लोंग खाओ पहुंचने पर सुरक्षाबलों ने बिना किसी उकसावे के वाहन पर अंधाधुंध गोलियां चला दी, जिसके परिणामस्वरूप कई ग्रामीणों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।