नई दिल्ली: जयपुर में मुस्लिमों के सबसे बड़े नेता कहे जाने वाले असदुद्दीन ओवैसी के अगले महीनों AIMIM का संगठनात्मक ढांचा खड़ा कर 2023 का विधानसभा इलेक्शन लड़ने के ऐलान से कांग्रेस के कान खड़े हो गए हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि ओबीसी के राजस्थान में पहुंचने पर सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को होगा। ऐसे में उनकी इस घोषणा से कांग्रेस में हलचल होना लाजमी है।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी इस ऐलान से खुश होती नजर आ रही है, क्योंकि अल्पसंख्यक कांग्रेस के परंपरागत मतदाता है। ऐसे में प्रदेश में लगबग 40 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की जड़े हिलने के साथ कई बड़े सियासी लोगों को के वजूद को भी नुकसान पहुंच सकता है।
धीरे-धीरे मुस्लिम वोटर्स हो रहा है मोहभंग
दरअसल भारतीय जनता पार्टी के हार्डकोर हिंदुत्व के चलते कांग्रेस को भी इन दिनों रक्षात्मक रूप से राजनीति करनी पड़ रही है। इसके चलते धीरे-धीरे मुस्लिम वोटर्स का “हाथ” से मोहभंग होने लगा है, खासकर यह युवा वर्ग तीसरे विकल्प का बेसब्री से इंतजार में खड़ा है। ऐसे में ये हालात कांग्रेस के लिए खुशगवार नहीं है।