29 फरवरी विश्व हृदय दिवस पर विशेष
डॉ. संतोष यादव
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल हजरतगंज लखनऊ
दिल के बारे में खूब बातें होती हैं पर सच यह है कि दिल की सेहत के बारे में ज्यादातर लोग सचेत नहीं है हर आयु वर्ग के लोगों में दिल के रोगों के मामले बढ़ रहे हैं भारत में सन 2014 में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या 18309 थी जो कि 2019 में बढ़कर 28005 हो गई जिससे कि अकेले उत्तर प्रदेश में योगदान 25 परसेंट का है और इतना ही नहीं हार्टअटैक कि 36 परसेंट मामले 35 वर्ष से कम उम्र के लोगों में दिखाई दे रहे हैं दिल के रोगों से जुड़े दूसरे आंकड़े भी निराशाजनक हैं गलत खानपान नींद व व्यायाम की कमी विपरीत स्थितियों में तनाव पर काबू न रख पाना बढ़ता प्रदूषण और आनुवंशिक कारक यह कई बातें हैं जो कि दिल की सेहत पर असर डालती हैं
प्रश्न: क्या Covid 19 के बाद हृदय रोगियों की संख्या में कोई इजाफा हुआ है….
उत्तर: जी हां कोरोना संक्रमण में इलाज के बाद कई मरीजों के d dimer बढ़े हुए मिले जिससे रक्त के थक्के जमने की समस्या और कई मामलों में हृदय में सूजन वह हृदय की मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है । जिससे रोगी को हृदयाघात की समस्या का सामना कर सकता है। अतः जो लोग कोविड-19 से उभर चुके हैं और उन्हें सांस फूल रही हो तो वह अपना ईसीजी व इकोकार्डियोग्राफी की जांच अवश्य कर लें।
D.dimer…. खून में माइक्रो क्लास से बनने वाला प्रोटीन होता है जिसे fibrin डीजनरेशन प्रोडक्ट भी कहते हैं यह शरीर के अंदर सामान्य रक्त के थक्का बनाने की क्रिया का साधन होता है….
हृदय रोग से बचने के उपाय
सकारात्मक सोच रखें तनाव और गलत विकारों को दिमाग पर हावी ना होने दें
रोज कम से कम 30 से 45 मिनट तक व्यायाम करें
ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें
रात में सोने से कम से कम 2 घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए
वजन को नियंत्रित रखे
खाद्य पदार्थ में ऊपर से नमक ना डालें
ध्यान रखें अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा व्यायाम करने से हृदय की मांसपेशियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिम में एक्सरसाइज करने वाले युवा पहले अपने डॉक्टर और जिम ट्रेनर दोनों से ही परामर्श लें और फिर व्यायाम करें…
29 फरवरी विश्व हृदय दिवस है उस के उपलक्ष में आर्टिकल…
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