लखनऊ। प्रदेश में युद्ध स्तर पर बाढ़ से प्रभावित 17 जनपदों के 791 गांव में लोगों को राहत पहुंचाने का काम राज्य सरकार की ओर से किया जा रहा है। स्थितियां काफी नियंत्रित होने लगी हैं। प्रदेश सरकार किसी भी कीमत पर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है। मानव जीवन के साथ पशुओं की सुरक्षा की भी उसने पूरी जिम्मेदारी संभाल रखी है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ सरकार उनको ड्राई राशन और लंच पैकेट का भी वितरण कर रही है। राहत कार्य तेज करते हुए बाढ़ शरणालयों व चौकियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।
कि प्रदेश सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य तेज करने के लिए 4657 नांव लगाई हैं जबकि प्रदेश में 1297 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। बाढ़ क्षेत्रों में 949 मेडिकल टीम गठित की गई हैं, जो बाढ़ में फंसे लोगों को इलाज की सुविधा प्रदान करने में जुटी हैं। पिछले चौबीस घंटे में सरकार की ओर से 5123 ड्राई राशन किट व 13578 हजार अधिक लंच पैकेट वितरित किए गए हैं। अब तक 78285 लोगों को ड्राई राशन किट व 361983 लोगों को लंच पैकेट वितरित किए जा चुके हैं जबकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 1108 बाढ़ शरणालय स्थापित किए जा चुके हैं। शरणालयों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है। प्रत्येक राहत शिविरों में प्रकाश और अस्थाई शरणालयों में शौचालय, पेयजल, कपड़े, बर्तन, बिस्तर आदि की सुनिश्चित व्यवस्था की गई है। राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को ड्राई राशन के साथ उनको दूसरी जगहों पर शिफ्ट करने का काम तेजी से चल रहा है।
35187 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
तेज बारिश के चलते वर्तमान में प्रदेश के 17 जनपदों के 791 गांव ही बाढ से प्रभावित हैं। इन जनपदों में राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है। 39 जिलों में राहत एवं बचाव की कमान पीएसी को दी गई है जबकि 11 जिलों में एसडीआरएफ और 9 जिलों में एनडीआरएफ को लगाया गया है। राहत एवं बचाव कार्य में जुटी टीमें अब तक 35187 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी हैं।
24 घंटे में 4259 पशुओं का टीकाकरण किया
बाढ़ प्रभावित इलाकों में जनहानि के साथ प्रदेश सरकार बेजुबान जानवरों को बचाने का काम कर रही है। सरकार अब तक 1090 पशु शिविर लगा चुकी है। जहां पर पिछले 24 घंटे में 4259 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। अब तक कुल 648405 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।