लखनऊ। कोरोना काल के दौरान सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ मेडिकल इंडस्ट्री में नौकरियों की भरमार हुई है। मेडिकल इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ बीफार्मा और डीफार्मा कोर्स में छात्रों का रूझान भी बढ़ा है। कोरोना काल में भी मेडिकल इंडस्ट्री छात्रों को बढि़या सैलरी पैकेज दे रही है। इसके चलते बीफार्मा व डीफार्मा कोर्स करने की ललक छात्रों में बढ़ी है। पिछले दो सालों से प्रदेश में बीफार्मा संस्थानों के साथ छात्रों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। 2019-20 में 16 हजार छात्रों ने बीफार्मा में दाखिला लिया था जबकि 2020-21 में बीफार्मा कोर्स में छात्रों की संख्या बीस हजार पार कर गई थी। वहीं, डीफार्मा की सभी सीटें फुल हो गई थी।
प्रदेश में पिछले दो सालों में बीफार्मा संस्थाओं के साथ-साथ छात्रों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। एकेटीयू के प्रवक्ता आशीष मिश्र के अनुसार पिछले डेढ़ सालों में 50 से अधिक बीफार्मा संस्थान एकेटीयू से सम्बद्ध हुए हैं। इनमें छात्र संख्या भी बढ़ी है। आशीष मिश्र बताते हैं कि बीफार्मा व डीफार्मा कोर्स करने के बाद किसी भी फार्मास्यूटिकल कंपनी, मेडिकल रिसर्च, इंटर डिस्पलसरी रिसर्च, बायो व जनेटिक रिसर्च व अस्पताल के साथ कंसल्टेंट बन कर सेवाएं दे सकते है। इसके अलावा अपना मेडिकल कंपनी भी खोल सकते हैं।
डीफार्मा की सभी सीटें हुई थी फुल
प्रदेश में डीफार्मा की कुल 57568 सीटें हैं। प्राविधिक शिक्षा विभाग के अनुसार सत्र 2020-21 डीफार्मा कोर्स की सभी सीटों पर दाखिले हुए थे। वहीं, बीफार्मा कोर्स की 25351 सीटों पर 20361 छात्रों ने दाखिले लिए थे।
बीफार्मा में एनटीए के तहत होंगे दाखिले
एकेटीयू के प्रवक्ता आशीष मिश्र के अनुसार अभी इंजीनियरिंग की सीटों पर जेईई के जरिए दाखिले की प्रक्रिया जारी है। दाखिलों के लिए चौथे चरण की प्रक्रिया चल रही है। इस बार बीफार्मा कोर्स में नेशनल टेस्ट एजेंसी के जरिए दाखिले लिए जाना है। बीटेक में दाखिले की प्रक्रिया के बाद ही बीफार्मा कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी।