उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या बड़ी मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, केशव प्रसाद पर बीजेपी के ही नेता ने गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई है। बीजेपी नेता का आरोप है कि केशव प्रसाद मौर्या ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ा है। बीजेपी नेता के इस आरोप पर एक्शन लेते हुए एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने जांच के सख्त निर्देश सुनाए है।
केशव प्रसाद मौर्या ने फर्जी मार्कशीट के आधार पर लड़ा चुनाव
दरअसल, प्रयागराज निवासी और बीजेपी के पदाधिकारी दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने केशव प्रसाद मौर्या पर फर्जी मार्कशीट के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने इस आरोप में कहा कि केशव प्रसाद मौर्या ने 2007 में इलाहाबाद पश्चिम से विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया, तो उन्होंने हिंदी साहित्य सम्मेलन से दो अंक पत्र और एक इंटरमीडिएट (प्लस II) प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था, जिसे किसी भी शैक्षिक बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सम्मेलन की डिग्री और सर्टिफिकेट मान्य नहीं हैं।
अपने सहयोगी द्वारा लगाए गए आरोपों को खेलने वाले केशव प्रसाद मौर्या के खिलाफ एक्शन लेते हुए एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नम्रता सिंह ने उनके दस्तावेजों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होनी है, कोर्ट ने उससे पहले अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सम्मेलन हिंदी भाषा और साहित्य में मध्यवर्ती पाठ्यक्रम संचालित करता है। इसके पहले और दूसरे साल के पाठ्यक्रमों को प्रथम और द्वितीया कहा जाता है। त्रिपाठी ने कहा कि मौर्या ने हर चुनावों में अलग अलग शैक्षिक प्रमाण पत्र दिखाए है, जोकि किसी फर्जीवाड़े की ओर इशारा करते हैं।