लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने और स्थानीय महिला कारीगरों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर ने असमा हुसैन इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए। उत्तर प्रदेश में महिला कारीगर बड़े पैमाने पर वस्त्र उद्योग से जुड़ी हुई हैं, महिलाओं को स्वतंत्र और स्थाई रोजगार देने के अवसर प्रदान करना फिक्की फ्लो की प्राथमिकता रही है।
इस पहल पर बात करते हुए फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर की चेयर पर्सन आरुषि टंडन ने बताया कि हमारे यहां जो कारीगर काम करते हैं वे कला और शिल्प के सच्चे समर्थक हैं, आज उन्हें आधुनिक परिवेश के लिए प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है, जरदोजी, चिकनकारी, और कामदानी हमारे शहर लखनऊ की विशेषता रही है और यह बहुत ही कीमती शिल्प है खास बात यह है कि यह शिल्प 95% महिलाओं द्वारा संचालित है, हम इस परंपरा को बनाए रखने के लिए महिला कारीगरों को प्रशिक्षित करने का कार्य एआईएफटी के माध्यम से करेंगे।
इस एमओयू के तहत हम महिलाओं को इस संस्थान से जोड़कर उन्हें पूर्ण रूप से प्रशिक्षित करने का कार्य करेंगे यह फैशन और कारीगरी का अद्भुत संगम होगा जोकि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास भी सिद्ध होगा। इस अवसर पर इंस्टिट्यूट की सीएमडी आसमा हुसैन, पूर्व चेयर पर्सन पूजा गर्ग, सीनियर वाइस चेयरपर्सन सीमू घई, वंदिता अग्रवाल, स्वाति वर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।