लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि परिषद की मांगों पर शीघ्र वार्ता आहूत कर निस्तारण हेतु मुख्य सचिव को पत्र भेज कर अनुरोध किया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश की मांगों पर विगत मुख्य सचिव स्तर पर कई बैठकें हुई थी अंतिम बैठक डॉ अनूप चंद्र पांडे ने की थी उसके बाद अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक स्तर पर कई बैठके हुई। उन बैठकों के कार्यवृत्त भी जारी किए गए और हर बार एक माह में निर्णय करने का निर्देश दिया गया था और सरकार के विश्वास पर परिषद ने आंदोलन भी स्थगित कर दिया गया था परंतु खेद है कि मुख्य सचिव जी से कई बार व्यक्तिगत रूप से अनुरोध किया गया परंतु कोई बैठक नहीं हुई लाक डाउन एवं कोविड-19 की वैश्विक महामारी को देखते हुए परिषद द्वारा सरकार को पूरा सहयोग दिया जाता रहा।
कोविड-19 वैश्विक महामारी में अपनी जान पर खेलकर स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों ,के जी एम यू,डॉ आर एम एल संस्थान ,एस जी पी जी आई एवं मेडिकल कॉलेजों के नर्सेज, फार्मासिस्ट,लैब टेक्नीशियन ,फिजियोथेरेपिस्ट,एक्सरे टेक्नीशियन, प्रयोगशाला सहायक, एवं अन्य विशिष्ट संस्थानों के समस्त स्वास्थ्य सेवाओं के पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय ,सफाई कर्मचारी, परिवार कल्याण विभाग के बेसिक हेल्थ वर्कर,फील्ड कर्मचारी ,रोडवेज कर्मी,स्थानीय निकाय कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे है। परंतु उनकी पीड़ा को नहीं सुना जा रहा है जो शहीद हो गए उन पर भी सरकार रहम नहीं कर रही है ।जिसके कारण मजबूरन आंदोलन की घोषणा हेतु बाध्य होना पड़ेगा।
रोडवेज, स्वास्थ्य विभाग,स्थानीय निकाय के कुछ संगठन आंदोलन पर है व कुछ करने जा रहै है ।अन्य संगठन भी आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि यह सभी संगठन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश से संबंध है। इसलिए परिषद भी आंदोलन करने को बाध्य हो जायेगी।
श्री मिश्रा ने कहा कि मुख्य सचिव के आदेश है कि प्रतिमाह कर्मचारी संगठनों से बातचीत करके समस्याओं का समाधान किया जाए ,परंतु खेद है कि सभी स्तर पर बैठकर बंद हैं। जिससे कर्मचारी संगठन नाराज है।कर्मचारियों की ए सी पी, पदोन्नति, कैडर पुनर्गठन, पदनाम परिवर्तन जैसी मांगे जिनपर कोई वित्तीय भार नही पड़ना वो भी शासन के मकड़जाल में फंसकर लंबित है जबकि सभी औपचारिकता पूर्ण हो चुकी है।
परिषद ने मा मुख्यमंत्री जी व मुख्य सचिव जी से मांग की है है कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश की मांगों पर बैठक का समय निर्धारित करें। यदि संवादहीनता बनी रही तो प्रदेश के लाखों कर्मचारी आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे ।