-नवम्बर 2022 तक योजना पूर्ण होगी
लखनऊ। नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन ने मंगलवार को 1090 चौराहें के निकट जी०एच० कैनाल पर 120 एम०एल०डी० क्षमता के निर्माणाधीन एस०टी०पी० का स्थलीय निरीक्षण किया गया। स्थलीय निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियन्ता, उ0प्र0 जल निगम द्वारा अवगत कराया गया कि 100 श्रमिकों के माध्यम से कार्य सम्पादित कराया जा रहा है। मंत्री द्वारा निर्देश दिया गया कि श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर 400 करते हुए कार्यों की प्रगति में तेजी लाये मंत्री द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि माह दिसम्बर 2021 तक रिटेनिंगदाल का कार्य पूर्ण करते हुए योजना की कुल प्रगति 55 प्रतिशत प्राप्त करें।
प्रस्तावित एस०टी०पी० की विशेषता है कि यह एस०टी०पी० Sequencing Batch Reactor (SBA) तकनीक पर आधारित है, जिससे मानक के अनुरूप सीवेज का शोधन हो सकेगा। प्रस्तावित एस०टी०पी० में विद्युत प्लान्ट भी प्रस्तावित हैं, जिससे एस0टी0पी0 के कुल संचालन में कुल विद्युत खपत का 65 प्रतिशत विद्युत प्लान्ट पर ही निर्मित हो सकेगा। वर्तमान में क्रियाशील भरवारा एस०टी०पी० पर जी०एच० कैनाल नाले का आंशिक सीवेज का शोधन ही हो पा रहा है तथा जी०एच० कैनाल के बचे हुए सीवेज का शोधन प्रस्तावित निर्माणाधीन 120 एम०एल०डी० एस०टी०पी० पर होगा, जिससे जी०एच० कैनाल नाले के सीवेज का शत प्रतिशत शोधन होगा तथा गोमती का प्रदूषण कम होगा।राज्य सेक्टर के अंतर्गत वर्ष 2017 में लखनऊ नगर में जी०एच० कैनाल पर 120 एम०एल०डी० क्षमता के एस०टी०पी० एवं तत्संबंधी कार्यों हेतु योजना स्वीकृत की गयी। स्वीकृत योजना का कार्य उ0प्र0 जल निगम द्वारा अनुबन्ध के अंतर्गत मैसर्स शापूरजी पलॉजी एण्ड कम्पनी प्रा०लिए मुम्बई (जे०दी०) द्वारा कराया जा रहा है। राज्य सेक्टर में धनाभाव के दृष्टिगत योजना की स्वीकृति अमृत कार्यक्रम से की गई है। योजना की लागत लगभग रू0 297 करोड़ है।
मंत्री द्वारा लखनऊ शहर में जनित सीवेज के शोधन के बारे में जानकारी ली गयी तथा यह निर्देशित किया गया कि जल निगम द्वारा सीवेज ट्रीटमेण्ट प्लान्ट संबंधी योजनाओं की स्वीकृति नमामि गंगे कार्यक्रम से प्राप्त न होने की दशा में प्रेषित एस०टी०पी० संबंधी योजनाओं की स्वीकृति जल जीवन मिशन ( अरबन) से कराने की कार्यवाही करे इस संबंध में मौके पर उपस्थित अपर मुख्य सचिव, नगर विकास विभाग, उ0प्र0 शासन को निर्देश दिये कि प्रेषित एस०टी०पी० संबंधी योजनाओं में प्रस्तावित कार्यों को पूर्ण होने तक गोमती नदी में मिलने वाले नालों का बायोरेमिडेशन तत्काल नगर निगम के माध्यम से प्रारम्भ कराने की कार्यवाही करें। निरीक्षण के दौरान डा० रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव, नगर विकास विभाग, अनिल कुमार (तृतीय) प्रबन्ध निदेशक, उ०प्र० जल निगम, उ0प्र0 जल निगम के संबंधित अधिकारी इं० संजय कुमार सिंह, मुख्य अभियन्ता, इं० सौरभ श्रीवास्तव, परियोजना प्रबन्धक एवं फर्म के प्रतिनिधि श्री धीरेन्द्र सिंह उपस्थित रहे।