उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के सभी चरणों में मतदान हो चुके हैं। अब लोगों को इन्तजार है रविवार को होने वाले मतगणना का, इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिसमें कल होने वाली इस मतगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी। दरअसल, इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मतगणना पर रोक लगाने से इंकार कार दिया है। हालांकि इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नए दिशा निर्देश जरूर जारी किये हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किये निर्देश
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किये गए निर्देश के अनुसार, हर सेंटर पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। हर सेन्टर पर क्लास वन गैजेटेड ऑफिसर नियुक्त रहेंगे। जिनकी जिम्मेदारी होगी कि उस सेंटर पर कोविड प्रोटोकॉल का अमल सुनिश्चित किया जाए। सिर्फ उम्मीदवार और उनके प्रतिनिधि को ही सेंटर पर आने की इजाजत होगी। प्रत्याशी, प्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी हर किसी का कोविड टेस्ट नेगेटिव आने के बाद ही आने की इजाजत होगी।
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, प्रोटोकॉल सामने रखा गया है उसका सख्ती के साथ पालन होना चाहिए। जब तक मतगणना केंद्र पर काउंटिंग पूरी नहीं हो जाती, उस इलाके में कर्फ्यू जारी रहेगा। किसी भी तरह का जुलूस का विजय रैली निकालने पर रोक होगी। हर मतगणना केंद्र पर एंटीजन टेस्ट का इंतजाम रहेगा। मतगणना केंद्र पर सैनिटाइजेशन का भी ध्यान रखा जाएगा।
हालांकि इसके पहले इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के सामने कई सवाल भी रखे। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या मतगणना कराना इतना जरूरी है कि उसको तीन हफ्ते के लिए टाला नहीं जा सकती है। इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि मेडिकल एक्सपर्ट से बात करने के बाद काउंटिंग को कराने का फैसला लिया गया है।
यह भी पढ़ें: कोरोना के खिलाफ गृह मंत्रालय ने राज्यों को दिए निर्देश, लॉकडाउन लगाने से किया मना
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षक संगठन की तरफ से बताया गया है कि 700 से ज्यादा शिक्षकों की मौत चुनाव के दौरान हुई, आप इस स्थिति को कैसे संभाल लेंगे। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव नहीं हो रहे हैं, वहां पर भी कोरोना के मामले और मौतें बढ़ी हैं। दिल्ली में भी मौत की संख्या बढ़ी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा जब पंचायत चुनाव शुरू हुए थे उस दौरान कोरोना कि दूसरी लहर नहीं आई थी। यह भयंकर आपदा है जिसका हम सब सामना कर रहे हैं।