महिला के एक वीडियो ने इन दिनों झारखंड की राजनीति गलियारों का माहौल खासा गर्म कर रखा है। इस वीडियो में महिला ने बीजेपी के कुछ नेताओं पर जबरदस्ती करने और धमकाने का आरोप लगाया है। हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी नेताओं ने सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनौती देते हुए कहा है कि वह उनके खिलाफ मुकदमा दायर करे।
बीजेपी ने मुख्यमंत्री को दी चुनौती
बताया जा रहा है कि यह मामला वर्ष 2013 के उस मामले से जुड़ा है, जिसमें हेमंत सोरेन के ऊपर दुष्कर्म का आरोप लगा था। तब वह मुख्यमंत्री के पद पर आसीन थे। हालांकि वाद में यह मुकदमा वापस ले लिया गया था। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
महिला के वीडियो में पीड़िता का कहना है कि भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी, निशिकांत दुबे, सुनील तिवारी और जहूर आलम नाम का एक व्यक्ति मुझे धमका रहे हैं और मुझे ब्लैकमेल कर रहे हैं।
असत्यापित 38 सेकंड के वीडियो में महिला कहती है, मुझे जान का खतरा है, मुझे सोशल मीडिया पर बदनाम किया जा रहा है और मेरे चरित्र की हत्या की जा रही है। अगर मेरे साथ कुछ होता है तो ये लोग जिम्मेदार होंगे। मैंने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करा दी है।
पीड़िता ने 21 अक्टूबर, 2013 को एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसे उसने उसी साल 30 अक्टूबर को वापस ले लिया था। सूत्रों ने बताया कि अब कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक केस दायर किया है।
कथित पीड़िता का वीडियो झारखंड में गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने रीट्वीट किया और मुंबई पुलिस को उनके खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी। ट्वीट में उन्होंने कहा, मैं यह चुनौती स्वीकार करता हूं। अगर हेमंत सोरेन में हिम्मत है तो वह मेरे खिलाफ मामला दर्ज करा सकते हैं और जांच कर सकते हैं। जनता 2013 के मामले की सच्चाई जानना चाहती है।
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झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार को अस्थिर करने और कांग्रेस के साथ गठबंधन वाली सरकार को परेशान करने के लिए ये सब किया जा रहा है। सोरेन सरकार कठिन दौर से गुजर रही है और सरकार चलाने के लिए वह कांग्रेस पर निर्भर है।
हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को कांग्रेस, एनसीपी, राजद और सीपीआई (एमएल) का समर्थन प्राप्त है। 81-सीट वाली विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 50 विधायक है जिसमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 18, और बाकी के एक-एक विधायक हैं। भाजपा के पास 26 और सहयोगी दलों को मिलाकर एनडीए के पास 30 विधायक हैं।