उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह द्वारा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के शिक्षा मॉडल को लेकर दी गई चुनौती को स्वीकार करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया लखनऊ पहुंचे। परंतु योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ना तो खुद बहस के लिए आए और ना ही उनकी ओर से कोई जवाब आया। इसी संबंध में उत्तर प्रदेश के पार्टी कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मनीष सिसोदिया ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विकास मॉडल की तुलनात्मक व्याख्या पत्रकारों के समक्ष रखी।
सिसोदिया ने योगी सरकार पर लगाए आरोप
मनीष सिसोदिया ने कहा कि 5 साल पहले दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को वोट देकर भारी बहुमत के साथ दिल्ली में अरविंद केजरीवाल जी की सरकार बनाई। पिछले 5 साल के कार्यकाल में अरविंद केजरीवाल जी की सरकार की अगुवाई में दिल्ली के विकास में हर क्षेत्र में अद्भुत परिवर्तन हुए हैं। आज दिल्ली के सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से बेहतर है, वही उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता है, दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे 98% पर पहुंच गए, परंतु उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों के नतीजे वहीं 70-75% पर अटके हुए हैं, दिल्ली में पिछले 5 सालों में प्राइवेट स्कूलों की फीस नहीं बढ़ने दी गई और वही उत्तर प्रदेश में पिछले 5 सालों में प्राइवेट स्कूलों की फीस कई गुना बढ़ा दी गई है।
सिसोदिया ने कहा कि आज केजरीवाल सरकार के शासनकाल में दिल्ली के लगभग 80% लोगों को बिजली मुफ्त में मिल रही है, जबकि उत्तर प्रदेश में बिजली के दामों का क्या हाल है यह बताने की जरूरत नहीं है। दिल्ली में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति है, जबकि उत्तर प्रदेश में कितने घंटे बिजली आती है यह पूरे उत्तर प्रदेश की जनता को मालूम है। 5 साल के अंदर दिल्ली में जो परिवर्तन हुए, वह केवल इसलिए हो सके क्योंकि दिल्ली की जनता ने एक ईमानदार सरकार को चुना।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने कहा कि जो दिल्ली का विकास मॉडल है वह उत्तर प्रदेश की जनता को भी मिलना चाहिए, तो इस पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ने दिल्ली बनाम उत्तर प्रदेश के मॉडल पर बहस करने की चुनौती दी। मैं उनकी चुनौती को स्वीकार करते हुए आज उत्तर प्रदेश आया हूं और मैं सिद्धार्थ नाथ जी का इंतजार कर रहा हूं, मुझे पूरी उम्मीद है कि वह आएंगे और उत्तर प्रदेश की जनता के सामने उत्तर प्रदेश के विकास मॉडल पर चर्चा करेंगे।
प्रेस वार्ता में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हुए अद्भुत परिवर्तनों पर बनाया गया एक वीडियो पत्रकारों को दिखाते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह वीडियो 1 साल पहले का बना हुआ है। अर्थात 4 साल में जो दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अद्भुत परिवर्तन हुए, जो शिक्षा के स्तर में सुधार आए यह मात्र 4 सालों के विकास का वीडियो है। यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि दिल्ली में एक ईमानदार सरकार सत्ता में आई। सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री बनने के बाद अरविंद केजरीवाल जी अपने घर में जाकर नहीं बैठ गए, दिन रात की कड़ी मेहनत के बाद जाकर यह कायाकल्प हो पाया है।
एक अन्य वीडियो पत्रकारों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश की सरकार ने 4 साल में मात्र 10 स्कूलों में भी इस प्रकार के परिवर्तन किए हो, तो सिद्धार्थ नाथ सिंह जी आए और मीडिया के सामने अपने स्कूलों की तस्वीरें प्रस्तुत करें।
उन्होंने कहा कि मैं आज उत्तर प्रदेश आया हूं क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह जी ने मुझे दिल्ली मॉडल और उत्तर प्रदेश मॉडल को लेकर बहस करने की चुनौती दी थी। परंतु बड़े ही अफसोस की बात है, कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दी गई चुनौती पर बहस करने के लिए तो कोई नहीं आया, बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की ओर से एक विचित्र सी टिप्पणी की गई। योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के स्कूलों में जितने बच्चे पढ़ते हैं, उतनी तो पूरी दिल्ली की आबादी भी नहीं है। अर्थात अपनी दी गई चुनौती से भागते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार ने और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने इस बात को स्वीकार किया है, कि पिछले 4 साल में उत्तर प्रदेश की सरकार ने उत्तर प्रदेश के स्कूलों में कोई परिवर्तन नहीं किया है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रहे थे, तब भी आबादी उतनी ही थी। उस वक्त तो उन्होंने नहीं कहा कि इतनी घनी आबादी वाले प्रदेश के लोगों को हम वह सुख सुविधाएं नहीं दे पाएंगे, जो दिल्ली के लोगों को अरविंद केजरीवाल सरकार दे रही है। उन्होंने कहा कि मैं योगी आदित्यनाथ जी से कहना चाहता हूं, कि बहाने वह बनाता है जो काम नहीं करता। अरविंद केजरीवाल जी अगर दिल्ली की दो करोड़ की आबादी को सस्ती बिजली, मुफ्त पानी, बेहतर शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य की सुविधाएं दे सकते हैं, तो वह उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ आबादी को भी वही सारी सुविधाएं उपलब्ध करा सकते हैं।
पत्रकारों को मौजूदा समय की जानकारी देते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि लगभग 2:00 बज चुके हैं और हम काफी देर से सिद्धार्थ नाथ सिंह जी का इंतजार कर रहे हैं परंतु वह नहीं आए। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है की उत्तर प्रदेश की सरकार और सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह जी अपनी चुनौती से खुद ही भाग रहे हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को अब बहाने नहीं बल्कि दिल्ली का विकास मॉडल अपने प्रदेश में चाहिए। मैं मोदी जी से कहना चाहता हूं के उत्तर प्रदेश के चुनावों में अभी 1 साल का समय बचा है। अपने मंत्रियों को काम पर लगा कर उत्तर प्रदेश के लोगों को थोड़ी सुख सुविधाएं उपलब्ध कराएं, नहीं तो जिस घनी आबादी का बहाना बनाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, यही घनी आबादी इस बार के चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर फेंकने का काम करेगी।
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मीडिया के माध्यम से उत्तर प्रदेश की जनता से अपील करते हुए मनीष सिसोदिया जी ने कहा, कि उत्तर प्रदेश के बहुत सारे लोग दिल्ली में रहते हैं और उन्हें दिल्ली का केजरीवाल मॉडल देखा है। मैं आप लोगों से अपील करता हूं कि एक बार उत्तर प्रदेश में भी केजरीवाल जी को मौका दीजिए, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आप कांग्रेस, भाजपा, सपा और बसपा सभी पार्टियों को हमेशा हमेशा के लिए भूल जाओगे। आज पूरे उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की तानाशाही के खिलाफ यदि कोई विपक्ष की भूमिका निभा रहा है, तो वह केवल आम आदमी पार्टी है, आज उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के कुकर्मो के खिलाफ यदि कोई पुरजोर तरीके से बोल रहा है तो वह केवल आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह जी हैं, बाकि सभी विपक्षी पार्टियां सोई हुई हैं।