कृषि कानूनों की वजह से चौतरफा घिरती नजर आ रही केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार आंदोलित किसानों को रिझाने की कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने इस बार गन्ना किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी।
मोदी सरकार ने गन्ना किसानों को दिया बड़ा तोहफा
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि आज गन्ना किसानों को लाभ देने वाला, पूर्वोत्तर में बिजली और स्पेक्ट्रम को लेकर फैसले लिए गए। उन्होंने कहा कि इस साल सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने का निर्णय किया है। किसानों के खाते में सीधे सब्सिडी जाएगी, इसमें 3500 करोड़ खर्च होंगे। इसके अलावा 18000 करोड़ रुपये की आय भी किसानों को दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इससे 5 करोड़ किसानों को फायदा होगा, 5 लाख मजदूरों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के भीतर ही 5000 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी किसानों को मिलेगी। 60 लाख टन चीनी को 6 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से निर्यात किया जाएगा।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस साल शक्कर का उत्पादन 310 लाख टन होगा, देश की खपत 260 लाख टन है। शक्कर का दाम कम होने की वजह से किसान और उद्योग संकट में है, इसको मात देने के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात करने और निर्यात को सब्सिडी देने का फैसला किया गया है।
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मोदी सरकार के मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि पूर्वोत्तर में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए नए बजट को मंजूरी दी गई है। पहले इसपर 5 हजार करोड़ रुपये खर्च होना था, लेकिन अब 6700 करोड़ का खर्च होगा। प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, इसके जरिए ट्रांसमिशन लाइन को बढ़ाया जाएगा, 24 घंटे बिजली के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।