किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, मोदी सरकार को थमाई नोटिस

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डेरा दाल चुके किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल, कोर्ट ने कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच में पड़ी दरार को भरने के लिए समिति बनाने का आदेश सुनाया है। इस समिति में सरकार और किसान संगठन दोनों के प्रतिनिधि शामिल किये जायेंगे। इसके अलावा देश की शीर्षतम अदालत ने केंद्र, हरियाणा और पंजाब सरकारों को नोटिस थमाकर जवाब भी मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए कल का दिन निर्धारित किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये बयान

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कल आंदोलनकारी संगठनों को भी सुनेंगे। एक कमिटी बनाएंगे। इसमें आंदोलनकारी संगठनों के साथ, सरकार और देश के बाकी किसान संगठनों के भी लोग होंगे। आप लोग कमिटी के सदस्यों के नाम पर सुझाव दें।

आपको बता दें कि क़ानून की पढ़ाई करने वाले एक छात्र रिषभ शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को हटाने की मांग की थी। इस याचिका में कहा गया था कि इस तरह लोगों के इकट्ठा होने से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। याचिका में आगे कहा गया है कि दिल्ली बॉर्डर से किसानों को हटाना ज़रूरी है। क्योंकि इससे सड़कें ब्लॉक हो रही हैं। इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस भी बाधित हो रही है।

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इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने यह भी कहा था कि किसानों को दिल्ली की सीमाओं से हटाकर सरकार की तरफ से आवंटित तय स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही किसानों को प्रदर्शन के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का पालन भी करना चाहिए।